IND vs AUS: राहुल-कोहली का धमाका, भारत ने ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराया
चेन्नई। केएल राहुल केवल तीन रन से शतक नहीं बना पाए लेकिन उनकी और विराट कोहली की बड़ी अर्धशतकीय पारियों से भारत ने शुरुआती झटकों के बावजूद रविवार को यहां ऑस्ट्रेलिया को 52 गेंद शेष रहते हुए छह विकेट से हराकर एकदिवसीय विश्व कप में अपने अभियान का शानदार आगाज किया।
राहुल ने विजयी छक्का लगाया जिससे उनका स्कोर 97 रन पर पहुंचा। अपनी इस नाबाद पारी के लिए राहुल ने 115 गेंद खेली तथा आठ चौके और दो छक्के लगाए। कोहली ने शुरू में मिले जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए 116 गेंद पर छह चौकों की मदद से 85 रन बनाए। भारत के सामने 200 रन का लक्ष्य था लेकिन उसने दूसरे ओवर तक दो रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे।
कोहली और राहुल ने भारत को न सिर्फ इस स्थिति से उबारा बल्कि चौथे विकेट के लिए 165 रन की साझेदारी करके उसे 41.2 ओवर में चार विकेट पर 201 रन तक पहुंचाया। ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.3 ओवर में 199 रन पर आउट हो गई थी। उसकी तरफ से डेविड वार्नर (52 गेंद पर 41 रन, छह चौके) और स्मिथ (71 गेंद पर 46 रन, पांच चौके) के अलावा निचले क्रम के बल्लेबाज मिशेल स्टार्क (28) ने उपयोगी योगदान दिया।
भारत की तरफ से रविंद्र जडेजा (28 रन देकर तीन विकेट), कुलदीप यादव (42 रन देकर दो) और रविचंद्रन अश्विन (34 रन देकर एक) की स्पिन तिकड़ी ने 30 ओवर में 104 रन देकर छह विकेट लिये। तेज गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह ने 35 रन देकर दो विकेट लिए जबकि मोहम्मद सिराज और हार्दिक पंड्या ने एक-एक विकेट हासिल किया।
भारत की बल्लेबाजी में शुरुआत जिस तरह से रही उससे देश के किसी भी क्रिकेट प्रेमी का दिल दहल गया होगा। भारतीय टीम ने पहले दो ओवर में ही तीन विकेट गंवा दिए थे जबकि उसका स्कोर केवल दो रन था। यह भारत का वनडे में तीन विकेट गिरने पर न्यूनतम स्कोर भी है। भारत के यह दो रन भी बल्ले से नहीं निकले थे। अस्वस्थ शुभमन गिल की जगह पारी का आगाज करने वाले इशान किशन ने पहले ओवर में ही स्टार्क की गेंद पर ढीला शॉट खेल कर स्लिप में कैच दिया।
वह ‘गोल्डन डक’ बनाकर पेवेलियन लौटे। स्टार्क का यह विश्व कप में 50वां विकेट था। जोश हेजलवुड (38 रन देकर तीन) ने अगले ओवर में कप्तान रोहित शर्मा को पगबाधा और उनका स्थान लेने के लिए उतरे श्रेयस अय्यर को कवर में कैच कराया। यह दोनों बल्लेबाज भी खाता नहीं खोल पाए। हेजलवुड को कोहली का विकेट भी मिल जाता लेकिन जब यह बल्लेबाज 12 रन पर खेल रहा था तब मिशेल मार्श ने उनका आसान कैच छोड़ दिया था। भारत ने पहले 10 ओवर में तीन विकेट पर 27 रन बनाए थे।
कोहली ने 15वें ओवर में कैमरन ग्रीन पर लगातार दो चौके जड़कर दर्शकों में जोश भरा। इसके बाद राहुल ने लेग स्पिनर एडम जंपा के पहले ओवर में ही तीन चौके लगाकर ऑस्ट्रेलिया की रणनीति बिगाड़ दी। पिच में किसी तरह की गड़बड़ी नजर नहीं आ रही थी तथा इन दोनों बल्लेबाजों ने जल्दबाजी नहीं दिखाई क्योंकि वे जानते थे कि लक्ष्य बहुत बड़ा नहीं है और किसी तरह की हड़बड़ी टीम को महंगी पड़ सकती है।
कोहली ने वनडे में अपने 67वें अर्धशतक के लिए 75 गेंद खेली और इससे भारत का स्कोर भी 26 ओवर में तिहरे अंक में पहुंचाया। राहुल ने इसके बाद 72 गेंद पर अपना 16वां अर्धशतक पूरा किया। जब लग रहा था कि कोहली अपना 48वां शतक पूरा करने में सफल रहेंगे तब उन्होंने हेजलवुड की गेंद पर मिड विकेट पर कैच थमा दिया। कोहली जब पवेलियन लौट रहे थे तो दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया।
हार्दिक (नाबाद 11) ने इसके बाद हेजलवुड पर भारतीय पारी का पहला छक्का लगाया। राहुल ने ग्लेन मैक्सवेल की गेंद छह के लिए भेजी। वह चौका और छक्का लगाकर शतक तक पहुंच सकते थे लेकिन उन्होंने पैट कमिंस पर विजयी छक्का लगाना ही उचित समझा। इससे पहले चेन्नई की गर्म और उमस भरी परिस्थितियों में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन बुमराह ने अपने दूसरे ओवर में ही मार्श (00) को आउट करके भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई।
कोहली ने स्लिप में अपने बायीं तरफ डाइव लगाकर उनका कैच लिया। कोहली इस तरह से भारत की तरफ से विश्व कप में सर्वाधिक कैच लेने वाले क्षेत्ररक्षक बन गए। उन्होंने अनिल कुंबले (14 कैच) का रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद वार्नर और स्मिथ ने पारी संवारने का बीड़ा उठाया और दूसरे विकेट के लिए 69 रन जोड़े। भारतीय गेंदबाजों ने हालांकि इन दोनों को अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठाने दिया।
भारत के तीनों स्पिनरों ने चेपॉक की मददगार पिच पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को परेशान किया। वार्नर ने कुलदीप को उनकी गेंद पर ही कैच का अभ्यास कराया। इसके बाद जडेजा का जादू चला। उन्होंने स्मिथ की एकाग्रता भंग करके उनकी गिल्लियां बिखेरी और फिर तीन गेंद के अंदर मार्नस लाबुशेन (41 गेंद पर 27 रन) और एलेक्स कैरी (00) को पवेलियन भेजकर ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह झकझोर दिया।
लाबुशेन ने भी क्रीज पर पांव जमाने के बाद नीची रहती गेंद को स्वीप करने के प्रयास में विकेटकीपर राहुल को कैच दिया जबकि कैरी सीधी गेंद पर पगबाधा आउट हुए। ऑस्ट्रेलिया ने 21 से 31 ओवर के बीच केवल 38 रन बनाए और इस दौरान उसके बल्लेबाज एक भी बाउंड्री नहीं लगा पाए। इस बीच पंड्या को ही बल्लेबाज सहजता से खेल पाए। उन्होंने अपने पहले दो ओवर में 21 रन दिए।
इस दौरान वॉर्नर के स्ट्रेट ड्राइव को रोकने के प्रयास में उनकी उंगली चोटिल भी हो गई। वार्नर ने इस चौके से विश्व कप में 1000 रन पूरे किए। उन्होंने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए 19 पारियां खेली और इस तरह से विश्व कप में सबसे तेज 1000 रन बनाने का सचिन तेंदुलकर और एबी डी विलियर्स (20) का रिकॉर्ड तोड़ा। रोहित ने 36वें ओवर में कुलदीप को दूसरे स्पैल के लिए बुलाया और उन्होंने ग्लेन मैक्सवेल (25 गेंद पर 15 रन) को तेजी से टर्न लेती गेंद पर बोल्ड करके कप्तान को निराश नहीं किया।
अश्विन ने एक अन्य ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन (08) को बैकवर्ड प्वाइंट पर हार्दिक के हाथों कैच कराया। ऑस्ट्रेलिया अगर 200 रन के करीब पहुंच पाया तो उसका श्रेय निचले क्रम के बल्लेबाजों स्टार्क (35 गेंद पर 28) और कप्तान पैट कमिंस (15) की उपयोगी पारियों को जाता है।
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