मुरादाबाद में बढ़े 81,000 घर, बढ़ेगी नगर निगम की आय...बोर्ड बैठक में 517 करोड़ का बजट हुआ मंजूर

जीआईएस सर्वे में 1.29 लाख की जगह घरों की संख्या बढ़कर हुई 2.10 लाख 

मुरादाबाद में बढ़े 81,000 घर, बढ़ेगी नगर निगम की आय...बोर्ड बैठक में 517 करोड़ का बजट हुआ मंजूर

मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर में कॉलोनियों की संख्या बढ़ने से इसमें आवास लेकर रहने वाले परिवार भी बढ़े। लेकिन, नगर निगम प्रशासन पुराने घरों की संख्या के आधार पर गृहकर व जलकर की वसूली कर रहा था। निगम को आर्थिक रूप से सुदृढ़ कराने के लिए जीआईएस (जियोग्राफिकल इनफार्मेंशन सर्वे) कराया गया। जिसमें घरों की संख्या बढ़कर 2,10,000 हो गई है।  

  • अब इन घरों से कर वसूली कराकर निगम की आय बढ़ाने में जुटेंगे अधिकारी-कर्मचारी 
  • नगर निगम की बोर्ड बैठक में 517 करोड़ रुपये के बजट को सदन की मिली है मंजूरी

नगर निगम प्रशासन ने एक निजी एजेंसी से महानगर के 70 वार्डों में रहने वाले लोगों के घरों का सर्वे कराया। कंपनी ने अपने सर्वे में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर नई कॉलोनियों को भी इसमें जोड़ा। गूगल मैप पर इन घरों की बढ़ी संख्या के आंकड़े चौकाने वाले आए। सर्वे से पहले महानगर में घरों की संख्या 1,29,000 थी जो सर्वे के बाद बढ़कर 2,10,000 हो गई। इससे निगम प्रशासन को गृहकर व जलकर वसूली बढ़ाने का अवसर मिल गया।  

इस वित्तीय वर्ष में गृहकर, व्यवसायिक कर से वसूली के लिए कर अनुभाग को 45 करोड़ रुपये का लक्ष्य मिला है। जिसमें से आधे का लक्ष्य भी हासिल नहीं हुआ है। इसमें तेजी लाने के लिए नगर आयुक्त संजय चौहान ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी व कर अधीक्षकों को निर्देश दिया है। नगर आयुक्त ने बताया कि इस बार बोर्ड बैठक में 517 करोड़ का बजट मंजूर हुआ है। इसमें आय बढ़ाने के लिए जीआईएस सर्वे के बाद बढ़े घरों की संख्या को जोड़ा गया है। जीआईएस सर्वे के बाद महानगर में घरों की संख्या 2,10,000 हो गई है। इसके निर्माण के अनुरूप कर  निर्धारण कर इसे वसूल करने के लिए कहा है।

भवन कर मद में दोगुनी बढ़ोतरी 
भवन किराए से वसूली का लक्ष्य 25 लाख बजट में प्रस्तावित किया गया था। इसे महापौर ने कम बताते हुए 35 लाख करने की बात कही। लेकिन, नगर आयुक्त ने इसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की घोषणा सदन में कर निगम की आय बढ़ाने के लिए कर आरोपण को जरूरी बताया। नजूल भूमि से किराया 1 लाख रुपये वसूलने को बजट में मंजूरी दी गई है। इसके अलावा रिक्शा, ई रिक्शा  लाइसेंस, खोखा  लाइसेंस, पावर और बाईलाज लाइसेंस से भी अलग-अलग कर वसूली के बजट को भी नगर निगम बोर्ड की सर्वसम्मति से स्वीकृति मिल गई है। सीवर कर से 6 लाख रुपये वसूले जाएंगे।

ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : बुखार के रोगियों की संख्या के आगे बौने साबित हो रहे इंतजाम