अयोध्या : सुनियोजित ढंग से बड़ों के संरक्षण में चल रहा था रैकेट

अयोध्या : सुनियोजित ढंग से बड़ों के संरक्षण में चल रहा था रैकेट

अयोध्या, अमृत विचार। विजिलेंस टीम की ओर से दो दिन की गई कार्रवाई में उजागर हुआ बिजली बिल घोटाला ऊर्जा विभाग की गले की हड्डी बन गया है। सुनियोजित ढंग से बड़ों के संरक्षण में चल रहे इस पूरे रैकेट के तार दूर तक फैले हैं। यह अलग बात है कि छोटों पर कार्रवाई कर बड़ों को बख्श दिया जा रहा है। जिन चार कर्मचारियों को निलम्बित किया गया है उनके अतिरिक्त तीन अवर अभियंता और दो डिवीजन के कर्मचारी भी शामिल बताएं जा रहे हैं। हालांकि अभी इनकी गोपनीय जांच की बात की जा रही है। 

पावर कॉरपोरेशन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सौभाग्य योजना के जरिए विभाग से जुड़ने वाले अनिल कुमार सोनी ने कार्यकाल के दौरान ही मीटर रीडिंग में हेराफेरी का गुर सीखा था। इतना ही नहीं संपर्क में आए दो बिजली कर्मियों के सहारे उसने अपना नेटवर्क बनाया। काम छोड़ने के बाद अनिल ने इलेक्ट्रॉनिक के थोक का काम शुरू कर उसकी आड़ में मीटर रीडिंग बैक करने का गोरखधंधा शुरू कर दिया। बताया जाता है कि बड़े पैमाने पर कॉमर्शियल और बड़े बिजली उपभोक्ताओं से संपर्क साध ऊर्जा विभाग के राजस्व में भारी सेंध लगा दी। छापे के दौरान उसके यहां से भारी मात्रा में मिली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और चिप इसका प्रमाण है। वहीं भाई के साथ दबोचे गए संविदा कर्मचारी अशोक सिंह का भी संपर्क विभागीय लोगों से जुड़ा मिला है। वो भी बड़ों के संरक्षण में मीटर रीडिंग के गोरखधंधे को अंजाम देते हुए छह महीने में ही आर्थिक रूप से मजबूत हो गया। 

शक्ति भवन भी कर रहा जांच 

बिजली बिल घोटाले में विजिलेंस की टीम के साथ शक्ति भवन लखनऊ से भी पूरे मामले की जांच की जा रही है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के ऊर्जा निदेशक योगेश पवार शुक्रवार को दूसरे दिन भी मुख्यालय पर विभागीय अधिकारियों के कई चक्र बैठक कर रहे हैं। बताया जाता है कि इसे लेकर खराब हुई विभाग की छवि से उच्चाधिकारी बेहद नाराज हैं। मामले में अभी और कार्रवाई की जा सकती है।

मिले सुराग के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ताल शुरू

विजिलेंस टीम ने अब तक गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से मिले सुराग के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया है। टीम शुक्रवार को बीकापुर तहसील क्षेत्र में पहुंची। हालांकि वहां उसे कामयाबी नहीं मिली। खबर लिखे जाने तक जांच जारी थी। माना जा रहा है कि अभी कई और स्थानों पर इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ हो सकता है।

कोट -
पूरे जिले में सघन जांच शुरू कर दी गई है। संदिग्धों की तलाश गंभीरता से की जा रही है। तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पूछताछ के आधार पर फैले नेटवर्क को सर्च किया जा रहा है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
 -हरीश बंसल, चीफ इंजीनियर

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