पीलीभीत में आखिर क्यों धरने पर बैठे संत?, भाजपा के पूर्व मंत्री भी पहुंचे...जानिए पूरा मामला

पीलीभीत में आखिर क्यों धरने पर बैठे संत?, भाजपा के पूर्व मंत्री भी पहुंचे...जानिए पूरा मामला

पीलीभीत/बिलसंडा, अमृत विचार। संत की कुटिया परिसर स्थित सरोवर के किए गए पट्टे को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर संतों ने धरना शुरू कर दिया। राजस्व प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर संतो को समझाने का प्रयास किया। पूर्व मंत्री ने भी जानकारी कर आश्वासन दिया है। 

बता दें कि ग्राम पंचायत मीरपुर हर्रायपुर के मजरा दियुरिया खुर्द में संत हनुमान दास की कुटिया है। कुटिया के पड़ोस में ही विशालकाय सरोवर है। , जिससे श्रद्धालुओं की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। बताते हैं कि संत हनुमान दास कुछ समय के लिए हरिद्वार चले गए थे।

संत की गैर मौजूदगी में गांव के ही कुछ लोगों ने गुपचुप तरीके से कुछ जिम्मेदारों से सांठगांठ कर सरोवर का आवंटन करा लिया। उधर संत जब वापस लौटे तो उन्होंने सरोवर में लोगों को मछलियां पकड़ते हुए देखा तो दंग रह गए। पता चला कि सरोवर का राजस्व प्रशासन द्वारा आवंटन कर दिया गया है।

सरोवर के आवंटन को निरस्त करने की मांग को लेकर शुक्रवार को 25 से अधिक संत धरने पर बैठ गए। इसकी जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार अवधेश कुमार मौके पर पहुंचे और संतो को समझाने का प्रयास किया। संतों का कहना है कि जब तक सरोवर का आवंटन निरस्त नहीं हो जाता, तब तक धरना जारी रहेगा।

चेतावनी दी गई कि 20 दिन के अंदर आवंटन निरस्त न हुआ तो कुटिया परिसर में ही जिंदा समाधि लेंगे। उधर पूर्व मंत्री रामसरन वर्मा ने मौके पर पहुंचकर संतों की बात सुनी और कार्यवाही का भरोसा दिलाया। धरने पर बैठने वाले संतों में सत्य गिरि महाराज, श्यामलपुरी, महिपाल पुरी किशन गिरी, कुंभ दास ,जितेंद्र गिरी, जितेंद्र दास, प्रयाग मुनि ,प्रेम मुनि ,कल्याण मुनि ,राम मुनि, मंगलदास आदि थे।

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