'महिला आरक्षण को लागू किए बिना इसे चुनाव में भुनाने के लिए बेताब हैं प्रधानमंत्री', कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आरक्षण को तत्काल लागू किए बिना अगले लोकसभा चुनाव में इसे भुनाने के लिए बेताब हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘महिला आरक्षण पर 2010 और 2023 में सरकारों की नीति और नियत की एक संक्षिप्त तुलना। दोनों विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के प्रावधान वाले हैं। दोनों विधेयक में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए कोटे के भीतर कोटा है।’’
उनका कहना था, ‘‘मुख्य अंतर यह है कि 2010 के विधेयक में महिला आरक्षण का क्रियान्वयन 2023 के विधेयक के विपरीत तत्काल और बिना किसी शर्त के होना था जबकि इस विधेयक के साथ जनगणना (जो अभी तक नहीं हुई है) और परिसीमन (जो बहुत विवादास्पद है) की शर्तें हैं।’’ रमेश ने महात्मा गांधी के एक कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मामले में जो किया है उसके लिए सिर्फ यही कहा जा सकता है कि यह एक दीवालिया बैंक से भुनाने के लिए दिया गया आगे की तारीख का चेक है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा में भाजपा की ओर से बोलने वाले यह समझाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं कि वे 2026 के बाद पहली जनगणना के उपरांत परिसीमन के प्रावधान के संबंध में संविधान का पालन कर रहे हैं। लेकिन वे यह समझाने में सफल नहीं होंगे कि महिला आरक्षण को लागू करने के लिए उसे सबसे पहले परिसीमन से जोड़ने की आवश्यकता क्यों है? भाजपा ने 2010 में ऐसी किसी शर्त के बिना ही विधेयक का समर्थन किया था।’’
रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘यह और कुछ नहीं बल्कि प्रधानमंत्री द्वारा 2024 के चुनावों में महिलाओं के आरक्षण को वास्तव में लागू किए बिना उनके वोट को भुनाने की बेताबी को दिखाता है!’’ ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीटों में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
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