हल्द्वानी: बाघों की सुरक्षा और मानव-बाघ संघर्ष रोकने को लेकर मांगा एक्शन प्लान

अंकुर शर्मा, हल्द्वानी, अमृत विचार। तराई-भाबर के जंगलों में 216 बाघ मिलने के बाद वन महकमा खासा उत्साहित है। वन अफसर अब इन बाघों की सुरक्षा और मानव-बाघ संघर्ष रोकने पर जोर दे रहा है। सभी वन डिवीजनों से बाघों को शिकारी गतिविधियों से बचाने, इंसान और बाघ के टकराव को रोकने के लिए एक मैनेजमेंट एक्शन प्लान मांगा गया है।
हाल ही में जारी हुए बाघों की गणना के आंकड़ों के अनुसार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंदर 260 और बाहर 229 बाघ मिले हैं। इनमें 216 बाघ तो सिर्फ पश्चिमी वन वृत्त की पांच वन डिवीजन रामनगर, तराई पश्चिमी, तराई पूर्वी, हल्द्वानी और तराई केंद्रीय में हैं। ये बाघ उन जंगलों में जो मिले हैं जो बाघों के लिहाज से गैर संरक्षित है। यानी कि ये जंगल टाइगर रिजर्व या सेंक्चुरी का हिस्सा नहीं है।
ऐसे में यह तो साफ हो गया है कि तराई भाबर के जंगल बाघों का महफूज और मुफीद आशियाना है। बेशक, इन जंगलों में बाघों की संख्या बढ़ी हैं लेकिन इसी के साथ ही बढ़ी हैं बाघों की सुरक्षा, शिकारी गतिविधियों पर पाबंदी, मानव बाघ संघर्ष की रोकथाम की चिंताएं। दरअसल, बाघ से संघर्ष में एक भी मौत पर लोगों में बाघों को लेकर गुस्सा पनप सकता है जो बाघों और इंसानों दोनों की सुरक्षा के लिए घातक होगा। वहीं बाघ की हड्डी, दांत, खाल के लिए शिकारी गतिविधियों से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इन सबसे चिंतित वन महकमा अभी भी तैयारियों में जुट गया है। सभी वन डिवीजनों से एक मैनेजमेंट एक्शन प्लान मांगा गया है।
प्लान में इन बिंदुओं पर रहेगा फोकस
इस प्लान में बाघों की सुरक्षा, शिकारी गतिविधियों पर रोक, लिविंग विद टाइगर, बाघ की सुरक्षा में जनसहभागिता से बढ़ाने, वन फोर्स को आधुनिक तकनीकी हथियारों से लैस करने, मॉनीटरिंग के लिए नई तकनीकी के उपयोग आदि बिंदुओं पर जोर दिया गया है।
वन डिवीजनवार बाघों की सूची
रामनगर में बाघों की संख्या 67, तराई पूर्वी में 53, तराई पश्चिमी में 52, हल्द्वानी में 36, तराई केंद्रीय में 8 बाघ हैं। वहीं नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर वन डिवीजनों में बाकी के 13 बाघ हैं।
कुमाऊं की सभी वन डिवीजनों से बाघों की सुरक्षा, संवर्द्धन और मानव-बाघ संघर्ष रोकने के लिए मैनेजमेंट एक्शन प्लान मांगा गया है। सभी डिवीजनों से प्लान आने के बाद शासन से बजट की मांग की जाएगी।
-पीके पात्रो, मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं