देहरादून: बारिश के कहर से अब तक 52 लोगों की मौत, जलभराव से 8582.28 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल तबाह

देहरादून, अमृत विचार। प्रदेश में बारिश के कहर से हुए नुकसान को लेकर राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त आंकडों पर नजर डालें तो 52 लोगों की मौत हुई है, 37 घायल और 19 लोग लापता हैं। वहीं कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जलभराव से 8582.28 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल बरबाद हुई है। 38.18 हेक्टेयर भूमि या तो बह गई है या भूस्खलन की चपेट में आई है। सबसे अधिक नुकसान हरिद्वार में हुआ है। कुल मिलाकर देखा जाए तो करीब 650 करोड़ का नुकसान हुआ है।
सचिवालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया, राज्य में आपदा से निपटने के लिए मुस्तैदी के साथ काम किया जा रहा है। बताया कि जरूरत वाली जगहों पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। दो हेलिकॉप्टर को भी स्टैंड बाई पर रखा गया है। बताया, केंद्र से आई टीम ने तीन दिन हरिद्वार जिले का भ्रमण करने के बाद प्राथमिक रिपोर्ट सौंप दी है।
सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि मानसून अवधि में हुए सभी प्रकार के नुकसान का श्रेणीवार विवरण और सटीक डाटा प्रतिदिन शासन को मुहैया कराया जाए। ताकि मानसून की समाप्ति पर तत्काल समग्र रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी जा सके।
वहीं बताया कि हरिद्वार में सबसे अधिक नुकसान हुआ है इसके साथ ही सभी विभागों को प्रत्येक मानसून अवधि में हुई क्षति का वर्षवार डाटा भी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इसका तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके।
वहीं बताया कि आपदा की स्थिति में कोई भी व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 0135-2710334, टोलफ्री नंबर 1070 और 0135-2664314- 15-16 और मोबाइल नंबर 8218867005, 9058441404 पर तत्काल सूचना दे सकता है। साथ ही ई-मेल पर भी सूचना दी जा सकती है। प्रदेश में भारी बारिश से सबसे अधिक नुकसान सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से हुआ है। अब तक 2,915 सड़कें भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि 64 पुलों को नुकसान पहुंचा है। कुछ सरकारी भवनों को भी नुकसान पहुंचा है। सड़कों, पुलों और भवनों को ठीक करने के लिए अब तक 41,425.42 लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया गया