बिहार: जाति-आधारित गणना से संबंधित दूसरे चरण का सर्वेक्षण कार्य पूरा
पटना। बिहार में की जा रही जाति-आधारित गणना से संबंधित दूसरे चरण का सर्वेक्षण कार्य पूरा हो गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में जिलाधिकारियों ने सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किये गये डेटा को बिहार जाति आधारित गणना ऐप पर डिजिटल तरीके से दर्ज करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
ये भी पढ़ें - मणिपुर हिंसा संबंधी नौ और मामलों की जांच संभालेगी सीबीआई
सभी जिलाधिकारियों ने सरकार की नोडल एजेंसी, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को लिखित में यह जानकारी दी है कि 17 बिंदुओं वाले जाति सहित सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर ‘प्रोफोर्मा’ को भरने के लिए सर्वेक्षण का दूसरा चरण उनके जिलों में पूरा कर लिया गया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहा, “एकत्र किये गए डेटा को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करने के लिए एक ऐप बनाया गया है।
वर्तमान में डेटा एंट्री का कार्य बिहार सरकार के उपक्रम बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बेलट्रॉन) के माध्यम से किया जा रहा है। डेटा को जल्द से जल्द डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जा रही हैं।" पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने रविवार को पीटीआई-भाषा से कहा, “पटना जिले के कुल 13.69 लाख में से 10,63,040 परिवारों का डेटा अब तक उक्त ऐप पर डिजिटल रूप से रिकॉर्ड/अपलोड किया गया है।
यानी अब तक पटना जिले का 77.65 फीसदी डेटा अपलोड हो चुका है। शेष डेटा आज शाम तक अपलोड कर दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों को डेटा प्रविष्टि प्रक्रिया में तेजी लाने और आज (रविवार) शाम तक इसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
माना जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने जिलों को रविवार तक बिहार में जाति आधारित गणना से जुड़े ऐप पर डेटा को डिजिटल तरीके से दर्ज करने की कवायद पूरी करने को कहा है। राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने हाल में सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की थी और डेटा एंट्री का कार्य तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया था।
ये भी पढ़ें - मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री मणिपुर के बारे में कुछ बोलें, इसलिए मजबूरी में...