हल्द्वानी: उम्र भर की पूंजी से बनाया आशियाना, सैलाब ने किया तबाह

रकसिया नाले के सैलाब से उजड़े आशियानों को नहीं मिल पाई तीन बाद भी मदद

हल्द्वानी: उम्र भर की पूंजी से बनाया आशियाना, सैलाब ने किया तबाह

सुरक्षा दीवार बनी होती तो बच जाते लोगों के आशियाने

हल्द्वानी, अमृत विचार। रकसिया नाले के सैलाब ने लोगों का आशियाना या तो ढह गया या क्षतिग्रस्त हो चुका है। लोगों ने अपनी उम्र भर की जमापूंजी से आशियाने बनाए थे जिसे नाले का बहाव ढहा ले गया। कई लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और लाखों का सामान बह चुका है।

अधिकांश प्रभावित लोगों की आर्थिक हालत माली हो चुकी है। लोगों ने बताया कि तीन दिन बीतने के बाद भी उनको सरकारी मदद नहीं मिली है। प्रभावित लोगों ने बताया कि सुरक्षा दीवार बनाई गई होती तो घर ढहने या क्षतिग्रस्त होने से बच जाते।

अभी भी कई लोग क्षतिग्रस्त घरों में अपनी जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। दूसरी तरफ जिनके घर ढह गए हैं वह शासन-प्रशासन से उम्मीद की आस में इधर-उधर भटक रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उनको 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिली है लेकिन वह उम्र भर की जमापूंजी से बनाए गए घर की भरपाई करने के लिए नाकाफी है। 
 

लोगों से बातचीत

नाले के तेज बहाव से घर में रखा कीमती सामान बह गया। घर में मलबा घुस गया। तीन दिन बीतने के बाद भी शासन-प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल पाई है। घर की नींव कमजोर हो चुकी है जिससे घर के कभी भी ढहने की आशंका है। नया आशियाना बनाने के लिए आर्थिक मदद की उम्मीद है। 
-कमला देवी, आपदा प्रभावित 

परिवार में चार बच्चे हैं, जिनको रात में बड़ी मुश्किल से बाहर निकालकर जान बचाई। रात सड़क में गुजारनी पड़ी। पिछले 7 साल से यहां पर रहे हैं। घर में दरारें आई हैं जिससे कभी भी ढहने की आशंका है। सारा सामान नाले के बहाव के साथ बह गया। तीन दिन बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है।
 -कलावती देवी, आपदा प्रभावित

घर का नुकसान तो हो चुका है। शासन-प्रशासन से अनुरोध है कि नाले के बहाव से भविष्य में नुकसान न हो और लोगों के घर ढहने से बच जाएं। इसके लिए जल्द से जल्द सुरक्षा दीवार बनाने की कार्रवाई हो। प्रशासन से 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिली थी जिसे वापस कर दिया है। 
-रमेश राम, आपदा प्रभावित

घर तो बच गया लेकिन पास स्थित 1200 वर्ग फीट जमीन का हिस्सा ढह गया है। दोनों तरफ दीवार बनाई जानी चाहिए थी लेकिन एक तरफ तो दीवार बना दी गई जबकि दूसरी तरफ कोई कार्य नहीं किया गया। इस कारण लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिलाधिकारी ने मौके का दौरा कर अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
-सोबन सिंह, आपदा प्रभावित


मेरा 22 दिन का बच्चा है। नाले के बहाव में जान आफत में डालकर बच्चे को ले गया। रात दूसरे के घर में शरण लेकर जान बचाई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को रात भर फोन करते रहा लेकिन कोई भी बचाव के लिए नहीं आया। तीन दिन बीतने बाद भी प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है। 
- योगेश, आपदा प्रभावित