रुद्रपुर: जर्नादन हत्याकांड के दोषी पिता-पुत्र को हुई आजीवन कारावास

रुद्रपुर: जर्नादन हत्याकांड के दोषी पिता-पुत्र को हुई आजीवन कारावास

रुद्रपुर, अमृत विचार। वर्ष 2015 में सितारगंज में हुए जर्नादन हत्याकांड के दोषी पिता-पुत्र को जिला न्यायाधीश ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस दौरान डीजीसी ने अदालत के सामने चौदह गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।

जिला शासकीय अधिवक्ता नंदन सिंह धामी ने बताया कि 11 नवंबर 2015 को ग्राम नकटा निवासी चंदन कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रात 9 बजे वह अपने भाई उमेश कुमार और पिता जर्नादन प्रसाद के साथ हंसी खुशी दीपावली का त्योहार मना रहे थे। इस बीच पड़ोसी अजय कुमार व संजय कुमार जानबूझकर उनकी घर की छत पर आकर पटाखे फोड़ने लगे। जब उसके पिता ने छत पर जाकर आरोपियों से ऐसा नहीं करने की बात कही तो आरोपी झगड़ा करने पर उतारू हो गए और अपने भाई विजय कुमार व पिता सुदर्शन गुप्ता को आवाज देकर छत पर बुला लिया।

आरोप था कि चारों के बीच कहासुनी होने लगी। तभी अचानक युवकों के पिता सुदर्शन गुप्ता ने धारदार हथियार से ताबड़तोड़ प्रहार कर उसके पिता को छत से नीचे फेंक दिया। यह देखकर जब वह अपने पिता को बचाने नीचे दौड़े तो हमलावरों ने उन पर प्राणघातक हमला किया। बताया कि घायल पिता को सरकारी अस्पताल ले गए।

जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने 12 नवंबर 2015 को रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी विजय कुमार और पिता सुदर्शन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अजय और संजय को जुवेनाइल घोषित कर दिया। हत्याकांड की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल की अदालत में शुरू हुई।

जहां डीजीसी नंदन सिंह धामी ने अदालत के सामने 14 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने हत्याकांड के दोषी सुदर्शन गुप्ता और उसके बेटे विजय कुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कठोर कारावास व 12-12 हजार रुपये का अर्थदंड देने की सजा सुनाई है।