मुरादाबाद : अभिभावकों के लिए जारी टोल फ्री नंबर दीवारों से गायब, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

विद्यालय में अध्यापक पढ़ाने नहीं आ रहें तो टोल फ्री नंबर 18001800166 पर कर सकते हैं शिकायत

मुरादाबाद : अभिभावकों के लिए जारी टोल फ्री नंबर दीवारों से गायब, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

प्राथमिक विद्यालय कन्या दांग में मुख्य दरवाजे पर टोल फ्री नंबर अंकित नहीं है।

मुरादाबाद, अमृत विचार। शिक्षा विभाग ने अभिभावकों के लिए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया है। जिसपर वह अध्यापक विद्यालय में समय से पहुंच रहे हैं या नहीं, साथ ही अन्य शिकायत भी कर सकते हैं। लेकिन, यह टोल फ्री नंबर अधिकांश स्कूलों की दीवारों से गायब है। विभाग के जिम्मेदारों ने इसे अनदेखा कर रखा है। 

उत्तर प्रदेश सरकार भले ही बेसिक शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए लाख प्रयास कर रही हो। लेकिन, धरातल पर स्थितियां कुछ और ही देखने को मिल रही हैं। जिले में 1401 बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल हैं। जिनमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय शामिल है। इनमें करीब 2.5 लाख बच्चों का पंजीकरण है। शिक्षा विभाग ने अभिभावक के लिए टोल फ्री नंबर 18001800166 जारी किया था। जिसपर अभिभावक अध्यापक विद्यालय में पढ़ाने नहीं आ रहें और समय से नहीं पहुंच रहे आदि समस्याओं की शिकायत इस टोल फ्री नंबर कर सके। यह नंबर सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय की दीवारों पर लिखा जाना था। लेकिन, जिले के अधिकांश स्कूलों में इस टोल फ्री नंबर को दीवारों पर नहीं लिखा गया है।

हालात इतने खराब है कि अभिभावकों को इस नंबर के बारे में जानकारी तक नहीं हैं। मोहम्मदपुर ध्यान सिंह गांव निवासी राजेश पाल ने बताया कि उनके गांव के प्राथमिक विद्यालय में किसी भी प्रकार का कोई टोल फ्री नंबर नहीं लिखा हुआ है। वहीं महलकपुर निवासी निर्मल ने बताया कि उनके गांव में दो प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। लेकिन, यहां  अभिभावकों को ऐसे किसी टोल फ्री नंबर के बारे में जानकारी नहीं है।

निर्देशानुसार सभी स्कूलों को टोल फ्री नंबर दीवारों पर लिखने के आदेश दे दिए गए हैं। जल्द ही सभी स्कूलों की दीवारों पर यह नंबर लिखा जाएगा। -अजीत कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी

फिटनेस में फेल होने के बाद भी स्कूली बच्चों को ढो रहे वाहन
मुरादाबाद। जनपद में संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों की अनदेखी से पंजीकृत 152 वाहन फिटनेस में फेल होने के बाद भी स्कूली बच्चों को ढो रहे हैं। अधिकारी इन वाहनों के स्कूलों में खड़े होने का दावा कर रहे हैं। विभाग ने अभी तक इन वाहनों की फिटनेस न कराने पर नियमावली के अनुसार पंजीकरण निरस्त नहीं किया है। संभागीय परिवहन अधिकारियों को बिजनौर में फर्जीवाड़ा कर बनी स्कूली बस के नहर में गिरने और बच्चे की मौत के बाद वाहनों की फिटनेस चेक करने याद आई है। जनपद में 865 स्कूली वाहनों का संभागीय परिवहन कार्यालय में पंजीकरण है। जिसमें 580 स्कूल बस और 285 स्कूली वैन हैं। इनमें 152 वाहनों की फिटनेस खत्म हो चुकी है। अधिकारी इन वाहनों को मालिकों द्वारा खत्म करने या स्कूलों में खड़े होने का दावा कर रहे हैं। जबकि अधिकारियों का दावा हकीकत से अलग है। 2019 की  नियमावली के अनुसार इन वाहनों का पंजीकरण निरस्त हो जाना चाहिए। जोकि अभी तक नहीं किया गया है। 

एआरटीओ प्रवर्तन प्रणव झा ने बताया कि मंडल के सभी एआरटीओ प्रशासन, प्रवर्तन, जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी से स्कूलों की सूची मांगकर वहां लगे वाहनों की फिटनेस चेक करने के आदेश किए हैं। हालांकि शिक्षा विभाग ने अभी तक सूची नहीं दी है। संभागीय परिवहन विभाग सोमवार से स्कूल में जाकर चेकिंग का अभियान शुरू करेगा। यदि किसी स्कूल का वाहन फिटनेस में फेल होने के बाद चलाता पाया गया तो विभागीय कार्रवाई के साथ स्कूल की मान्यता तक रद्द होगी।

ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : आतंकी अहमद रजा के गांव में खामोशी, अपरिचित को संदेह की नजर से देख रहे सभी