बरेली: सैन्य अधिकारी बनने को 7,546 युवाओं ने दी परीक्षा

बरेली,अमृत विचार। चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच युवाओं में देश सेवा का जुनून बढ़ा है। रविवार को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा में इसकी झलक दिखी। कोरोना संक्रमण के बीच आयोजित परीक्षा में 7,546 यानी करीब 52 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए और 48 प्रतिशत अनुपस्थित रहे। गत वर्ष की अपेक्षा उपस्थिति …
बरेली,अमृत विचार। चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच युवाओं में देश सेवा का जुनून बढ़ा है। रविवार को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा में इसकी झलक दिखी। कोरोना संक्रमण के बीच आयोजित परीक्षा में 7,546 यानी करीब 52 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए और 48 प्रतिशत अनुपस्थित रहे। गत वर्ष की अपेक्षा उपस्थिति का यह आंकड़ा बेहतर है।
संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित एनडीए की परीक्षा शहर के 32 केंद्रों पर हुई। पहला पेपर सुबह 10 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक हुआ, जबकि दूसरा पेपर दोपहर 2 बजे से सायं 4:30 बजे तक हुआ। दोनों पालियों में परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों की सघन तलाशी ली गई। पहली पाली में 7,569 और दूसरी पाली में 7,546 परीक्षार्थी शामिल हुए।
वहीं, सुबह की पाली में बरेली कॉलेज परीक्षा केंद्र पर लंबी कतारें लगी रहीं। सोशल डिस्टेंसिंग के दायरे में जांच हुई। प्रवेश पत्र के साथ मास्क, सैनेटाइजर, ग्लब्स लेकर पहुंचे छात्रों को एंट्री दी जाती रही। प्रत्येक केंद्र पर एक उप-जिला मजिस्ट्रेट निरीक्षण अधिकारी के रूप में तैनात रहे। इसके अलावा अन्य शीर्ष पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने केंद्रों का भ्रमण किया।
कोरोना से प्रभावित हुई तैयारी
एनडीए की परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों ने बातचीत में यह माना कि कोरोना संक्रमण ने उनकी पढ़ाई प्रभावित की है। शुरुआत में संक्रमण को लेकर मानसिक तनाव हावी रहा। शिक्षण संस्थान बंद हो गए। इसका असर यह रहा कि जिस स्तर की तैयारी होनी चाहिए थी, शायद वो नहीं हो सकी।
परीक्षा छूटने पर सोशल डिस्टेंसिंग की चुनौती
परीक्षा के समय छात्र कतारों में लग कर केंद्र में प्रवेश करते दिखे। मगर पेपर छूटने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं। एक साथ छात्रों का झुंड बाहर निकला। सुबह की पाली में भी एंट्री से पहले केंद्रों के आस-पास भीड़ बनी रही।
सीमा की रखवाली ही मकसद
सेना में शामिल होकर देश की रक्षा करना ही मेरा लक्ष्य है। हाईस्कूल से यह एनडीए की परीक्षा तैयारी में जुट गया था। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण कोचिंग का सहारा कम मिला। मॉक टेस्ट का अभ्यास भी पर्याप्त नहीं हो सका। स्थितियां सामान्य होतीं तो और अच्छा पेपर होता। – अगस्तय अवस्थी, पीलीभीत
सैनिक बनकर पूरा करूंगा परिवार का सपना
मां और पिता चाहते हैं कि मैं सेना में जाऊं। अपने परिवार का यह सपना पूरा कर सकूं, इसलिए पूरा समय तैयारी को दिया। पहले प्रश्न पत्र में 120 सवालों को हल करने में समय की थोड़ी कमी खली। कुल मिलाकर पेपर अच्छा हुआ है। हां, कोरोना संक्रमण के कारण तैयारी में थोड़ा व्यवधान जरूर रहा। – अमन कुमार, पलिया कलां