उन्नाव : दिवंगत इंस्पेक्टर को दी गई अंतिम विदाई, गार्ड ने दी सलामी

उन्नाव : दिवंगत इंस्पेक्टर को दी गई अंतिम विदाई, गार्ड ने दी सलामी

अमृत विचार, उन्नाव । सफीपुर इंस्पेक्टर द्वारा सरकारी आवास में फांसी लगाने की घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। रात में ही शव मोर्चरी में रखवाने के बाद सुबह परिजनों के आने पर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इंस्पेक्टर ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया इसके सही कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। लेकिन प्रथम दृष्टया घटना के पीछे पारिवारिक विवाद की बात सामने आई है।

बदहवास परिजन भी इस बारे में कुछ भी बता नहीं पाए। पोस्टमार्टम के बाद दिवंगत इंस्पेक्टर का पार्थिव शरीर पुलिस लाइन लाया गया। पूरे पुलिस सम्मान के साथ उन्हें नम आखों से अंतिम विदाई दी गई। डीएम व एसपी समेत अन्य अफसरों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पुलिस वाहन से गारद के साथ पार्थिव शरीर अमरोहा रवाना किया गया।

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बता दें कि रविवार रात करीब साढ़े 12 बजे जब गश्त के लिए सफीपुर इंस्पेक्टर अशोक कुमार पुत्र स्व. विक्रम सिंह अपने आवास से बाहर नहीं निकले तो दारोगा उनके सरकारी आवास पर आयाञ इंस्पेक्टर को पंखे में लटका शव देख उसके होश उड़ गए। आनन-फानन अफसरों को इसकी जानकारी दी गई।

सीओ ऋषि कांत शुक्ला, एएसपी शशि शेखर सिंह व एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने मौके पर पहुंचकर जांच की। इंस्पेक्टर के शव को रात में मोर्चरी में रखवाने के साथ परिजनों को सूचना दी गई। दिवंगत मूल रूप से अमरोहा जिले के याहियापुर के निवासी थे। उनके पिता भी पुलिस में इंस्पेक्टर थे।

ड्यूटी के दौरान हुई मौत के बाद अशोक को सन-2012 में दारोगा पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। बाद में पदोन्नति पाकर वह निरीक्षक हो गए। उन्नाव से पूर्व वह लखीमपुर खीरी में तैनात थे। लखीमपुर के पलिया जिले से उनका उन्नाव तबादला जुलाई में हुआ और पांच जुलाई को एसपी ने उन्हें सफीपुर कोतवाल बनाया था।

तैनाती के 18 दिन में आत्महत्या करने की ठोस वजह सामने नहीं आई। सूत्र बताते हैं कि रात में वे पुलिस के साथ गश्त पर गए थे और वहां से लौटने के बाद फिर रात्रि गश्त पर जाना था। इसी दौरान ऐसा क्या हुआ कि इंस्पेक्टर ने ऐसा कदम उठा लिया। माना जा रहा कि इसी दौरान फोन से परिजनों से हुई वार्ता के बाद उन्होंने फांसी लगा ली।

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एएसपी शशि शेखर सिंह ने बताया इंस्पेक्टर अशोक कुमार रविवार रात गश्त से लौटे थे। उन्होंने हमराहियों को 12 बजे फिर गश्त पर चलने को बुलाया था। इसी दौरान पारिवार से कोई फोन आया। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि उसी तनाव में उन्होंने ऐसा कदम उठाया। कहा अन्य बिंदुओं पर भी जांच चल रही है।

डीएम एसपी ने दी श्रद्धांजलि

सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस लाइन लाया गया। जहां डीएम अपूर्वा दुबे, सिद्धार्थ शंकर मीना, एएसपी शशि शेखर, सीओ सफीपुर व सिटी सहित एसडीएम सफीपुर सहित कई थानेदारों व पुलिस कर्मियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस की टुकड़ी ने शस्त्र झुका कर सलामी दी। इसके बाद एसपी एएसपी सहित अन्य अफसरों ने पार्थिव शरीर को कंधा देकर पुलिस वाहन तक ले गए। पुलिस वाहन से शव को पैतृक गांव भेजा गया। एसपी ने परिजनों को आर्थिक सहायता के साथ हर संभव मदद का भरोसा दिया।

पलिया में थे पत्नी और बच्चे

दिवंगत इंस्पेक्टर की पत्नी संजू बेटी पलक और बेटे आयुष के साथ अभी पलिया में रह रही थी। दोनों बच्चे वहीं पढ़ाई करते थे। अभी कुछ दिन पहले सभी लोग उन्नाव आए थे। बेटे आयुष का जन्मदिन भी सफीपुर में एसएचओ ने स्टाफ के साथ धूमधाम से मनाया था। उसके बाद पत्नी और बच्चे वापस लौट गए थे।

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