अमित शाह बोले- सहकारिता आंदोलन के लिए पैक्स को मजबूत बनाने की जरूरत

अमित शाह बोले- सहकारिता आंदोलन के लिए पैक्स को मजबूत बनाने की जरूरत

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारिता की सबसे छोटी इकाई पैक्स को मजबूत बनाने पर शुक्रवार को जोर देते हुए कहा कि इससे ही सहकारिता को गांव स्तर पर सुदृढ़ किया जा सकता है। आगे शाह ने आज प्राथमिक कृषि ऋण समितियों पैक्स द्वारा कॉमन सर्विस सेंटर सी एस सी की सेवाएं शुरू करने पर एक राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि पैक्स और सी एस सी के जुड़ने से सहकारिता को मजबूत करने व डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के दो संकल्प एक साथ पूरे हो रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि अगर सहकारिता आंदोलन को मज़बूत बनाना है तो इसकी सबसे छोटी इकाई पैक्स को मज़बूत बनाना होगा। आगे कहा कि जब तक यह मज़बूत नहीं होते सहकारिता आंदोलन खड़ा नहीं हो सकता। इसलिए सरकार ने यह तय किया है कि पैक्स का कम्प्यूटरीकरण कर उन्हें पारदर्शी बनाया जाए, जवाबदेही सुनिश्चित की जाए और साथ ही उनका आधुनिकीकरण किया जाए ताकि सरकार की डिजिटाइज़्ड योजनाओं को पैक्स के साथ जोड़ा जा सके। 

आगे शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के 20 दिन के भीतर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए 2,500 करोड़ रुपये प्रदान किए जिससे 65,000 पैक्स का कंप्यूटरीकरण हो रहा है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कहा कि न्यूनतम गवर्नमेंट,अधिकतम गवर्नेंस के साथ अतिम व्यक्ति तक भ्रष्टाचार रहित डिलीवरी के सूत्र को चरितार्थ करने का सी एस सी से बड़ा कोई और साधन नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की 300 से अधिक छोटी छोटी लाभार्थी योजनाओं को सी एस सी के साथ जोड़ दिया गया है। 

शाह ने कहा कि इसकी पहुंच गांव के गरीब से गरीब लोगों, भूमिहीन खेत मज़दूरों और दलित व आदिवासी समुदायों तक पहुंचाने के लिए पैक्स से बड़ा जरिया और कोई नहीं हो सकता। साथ ही इससे हम देश के विकास के लिए अधिकतम क्षमता का उपयोग भी कर पाएंगे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने बताया कि अब तक सीएससी में 17,176 पैक्स अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। दो महीने के अल्प समय में ही 17,000 से ज्यादा पैक्स का ऑन बोर्ड होना बहुत बड़ी उपलब्धि है। 

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सहकारिता मंत्रालय के सचिव और मंत्रालय की पूरी टीम को अमित शाह ने शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि 17,176 PACS में से करीब 6,670 ने अपना कार्य शुरू कर दिया है और अगले 15 दिनों में बाक़ी के पैक्स भी काम करना शुरू कर देंगे। इससे क़रीब 14,000 ग्रामीण युवाओं को रोज़गार मिलेगा, साथ ही ये युवा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने और गाँव की सुविधाओं को सुदृढ़ करने का काम भी करेंगे। सरकार ने पिछले नौ साल में 60 करोड़ लोगों को राशन, आवास, बिजली, जल, रसोई गैस, शौचालय और पाँच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुविधा बिना किसी ख़र्च के उपलब्ध कराई हैं। अब 17,000 से अधिक पैक्स भी इन सभी सुविधाओं का रजिस्ट्रेशन देने और ग्रामीण लोगों की तकलीफ़ों को सरकार तक पहुँचाने का माध्यम बन जाएंगे। 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बीज उत्पादन, जैविक खेती की मार्केटिंग तथा किसानों की उपज के निर्यात के लिए तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियों का गठन किया है। विश्व की सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना की शुरुआत भी की गई है। अगले पांच साल में छोटे-छोटे पैक्स देश के 30 प्रतिशत खाद्यान्न का भंडारण करने का काम करेंगे। पैक्स समृद्ध होगा तो किसान समृद्ध होगा क्योंकि उसका मुनाफा सीधे किसान के अकाउंट में ही जमा होता है। 

सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में कई कानूनी और प्रशासनिक सुधार किए हैं और बहुआयामी तरीके से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। मोदी सरकार की सहकारिता से जुड़ी योजनाओं और निरंतर हो रहे सुधार जमीनी स्तर पर गाँव-गाँव तक पहुंचेंगे तो सहकारिता आंदोलन को मजबूत होने से कोई नहीं रोक सकता। आगे शाह ने लोगों से पैक्स को मजबूत करने का संकल्प लेने और ‘पैक्स की मजबूती से गांव की समृद्धि’ के मंत्र को अपनाकर उसे आगे बढ़ाने की अपील की। 

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