प्रयागराज : गंगा-यमुना खतरे के निशान से 6 मीटर दूर, डैम से छोड़ा गया पानी

प्रयागराज : गंगा-यमुना खतरे के निशान से 6 मीटर दूर, डैम से छोड़ा गया पानी

अमृत विचार, प्रयागराज । पहाड़ों में हो रही बारिश से मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर हैं। देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में आई बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है। वहीं पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी बारिश और बाढ़ ने जमकर कहर बरपाया है।

बारिश और बाढ़ के चलते संगम नगरी प्रयागराज में भी गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दोनों नदियों का जलस्तर लगभग 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। जबकि, प्रयागराज और आसपास क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है, लेकिन बांधों से जो पानी छोड़ा जा रहा है, उससे यहां भी संभावित बाढ़ को लेकर लोगों के मन में दहशत है।

गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से संगम में हर ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। अरैल क्षेत्र में बनाए गए पक्के घाट की दर्जनों सीढ़ियां पानी में डूब चुकी हैं और बारादरी भी डूबने की कगार पर है। बाढ़ के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम के विभिन्न घाटों पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। जिस रफ्तार से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, नाविक भी अपनी नावों को किनारे की ओर ला रहे हैं। इसके साथ ही संगम तट पर रहने वाले दुकानदार घाटिए और तीर्थ पुरोहित भी सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं। जिस रफ्तार से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, माना जा रहा है कि अगले हफ्ते यहां भी बाढ़ जैसे हालात होंगे।

उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही बारिश से और बाधों से पानी छोड़े जाने से संगम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 44 सेंटीमीटर और छतनाग में 44 सेंटीमीटर बढ़ा है, जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 46 सेंटीमीटर बढ़ा है।

सिंचाई विभाग के बाद कंट्रोल रूम से मिले आंकड़े के मुताबिक शाम 4:00 बजे गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 78.53 मीटर और छतनाग में 75.64 मीटर दर्ज किया गया है। जबकि शाम 4:00 बजे यमुना नदी का जलस्तर 76.12 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि, दोनों नदियों का खतरे का निशान 84.734 मीटर है। दोनों नदियां करीब 6 मीटर नीचे बह रही हैं। नदियों के लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर सिंचाई विभाग के बाढ़ कंट्रोल रूम से लगातार 24 घंटे गंगा यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।

नदियों में आई बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया हुआ है। नाविकों को भी श्रद्धालुओं को लेकर गहरे पानी की ओर ना जाने के निर्देश दिए गए हैं। बगैर लाइफ जैकेट नावों के संचालन पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है। स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग के साथ ही जल पुलिस और गोताखोर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा सभी बाढ़ राहत चौकियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। सभी पंपिंग स्टेशन भी क्रियाशील कर दिए गए हैं।

ये भी पढ़ें - सुलतानपुर : मेनका गांधी ने रिंग रोड बनाने के लिए नितिन गडकरी को लिखा पत्र