लखनऊ : अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार के चार साल पूरे, भीखारी ठाकुर की मूर्ति लगाने की उठाई मांग
अमृत विचार, लखनऊ । रविवार को अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार का चार वर्ष पुरा होने पर आगे के कार्यक्रम मे गति प्रदान करने के लिए बैठक आयोजित की गई। अलीगंज के सेक्टर पी स्थित कैम्प कार्यालय में आयोजित बैठक में अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के अध्यक्ष परमानंद पांडेय ने बैठक की अध्यक्षता की।
अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के अध्यक्ष, परमानंद पांडेय ने अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के चार वर्ष पुरा होने और अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास की उपलब्धि के बारे मे जानकारी दी। इसके बाद कार्यक्रम को आगे गति कैसे दिया जाय इस पर विचार विमर्श हुआ। अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास का देश, विदेश, प्रदेश, मंडल जनपद, तहसील ब्लाक गांव का कैसे विस्तार हो इस पर विचार विमर्श किया गया।
अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के अध्यक्ष ने कहा कि कहा जाता है न कि अपने अस्तित्व की लडाई अपने ही लड़ना पड़ता है, समाज का अस्तित्व, उसका मूल, उसका हर एक इकाई के सोच पर निर्भर करता है, भोजपुरी भासा भोजपुरी साहित्य, भोजपुरी कला संस्कृत, भोजपुरी संस्कार, हम भोजपुरी भासी लोगों का माई भासा है, और यही हम सबका अस्तित्व का आधार भी है, कुछ लोगों का वेजा कारण के वजह से भोजपुरी के जो दाग लगा, उसके वजह से हमेशा ही हम भोजपुरी भासी लोगो के अंदर, एक पीर बना रहता है, जो बार बार कचोटता रहता है, इस बीच अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार को लेकर सब लोग बहुत ही अच्छा काम काज करते आ रहे है, जिससे अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार का प्रेरणा का श्रोत हमेशा बना चला आ रहा है। सब पदाधिकारी गण और न्यासी सदस्य गण के सहयोग से अपने भोजपुरी माई भासा के लिए कुछ करने का उत्साह आज से चार वर्ष पहले ही एक स्वरुप ले लिया था। अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार उसी प्रयास का स्वरुप है। जो आप सब लोग मिल कर एतना अपना नेह छोह दिए है।
इस चार वर्ष के सफर में बहुत कुछ मिला जैसे अनुभव, सीख, समझ, और अपने भोजपुरी भासा खातिर और सोचने और कुछ करने की प्रेरणा, अब तक बहुत कुछ मिला। इस चार वर्ष के सफर में कई उतार चढ़ाव आया जहां एक ओर अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार समूह मे कई लोग आए कुछ लोग गए भी कमी बेसी तो हर जगह होता ही है हर उतार चढ़ाव कुछ न कुछ नया चीज भी सीखा कर भी जाता है, ये अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार वही सीखने के राह मे है, इस यात्रा मे हम सबको बहुत बडी उपलब्धी ये रहा कि देश दुनिया भर के तमाम भोजपुरी भासी लोग (साथ मे कुछ नान भोजपुरी लोग) जुड भी गए, अब वही हम सबको आगे गति प्रदान करने के लिए उस्काते भी रहते है।
जैसे अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार के संरक्षक के रुप मे अंतरराष्ट्रीय कवि आदरणीय डा सूर्य कुमार पांडेय, वरिष्ठ साहित्यकार दयानंद पांडेय , गिरजाशंकर दुबे गिरिजेश, कबि डा अनिल कुमार मिश्र, जी पीसीपस अधिकारी बीरेन्द्र प्रसाद पांडेय, एडीएम बाराबंकी अरुण कुमार सिंह , भोजपुरी सिनेमा के निर्माता दिनेश तिवारी , गोरखपुर के लोक गायक राकेश भाई श्रीवास्तव , शिवेंद्र पांडेय , डा मधु पाठक, लोक गायीका शशिलेखा सिंह। इस चार वर्ष के सफर मे अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार क बडहन जिम्मेदारी भी बा भोजपुरी संगीत के लिए हमेशा आगे बढाने और भोजपुरी के आठवी अनुसूची सम्मिलित करने का प्रयास।
अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरखपुर में भोजपुरी एकेडमी खोलने के घोषणा पर आभार जताया साथ मे गोरखपुर मे भोजपुरी एकेडमी अतिशीघ्र खोलवाने की मांग भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से की गई साथ मे भोजपुरी के दाता भीखारी ठाकुर की भोजपुरी साहित्य के प्रखर महेंद्र मिसीर जी और अमर वलिदानी लेफ्टनेट नवनीत राय की लखनऊ मे मूर्ति लगवाने की भी मांग गई।
बैठक मे अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार के उपाध्यक्ष दिग्विजय मिश्र, महासचिव राधेश्याम पांडेय, सयुंक्त सचिव पुनीत निगम, ने अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास परिवार की चार वर्ष की उपलब्धिया बताई। और आगे का कार्यक्रम कजरी महोत्सव होना तय हुआ है।
बैठक मे अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के अध्यक्ष, परमानंद पांडेय, उपाध्यक्ष, दिग्विजय मिश्र, महासचिव, राधेश्याम पांडेय, सयुंक्त सचिव, पुनीत निगम, खजांची प्रषून पांडेय, संप्रेक्षक, श्वावत पाठक, महीला प्रकोष्ठ की रीता श्रीवास्तव, मधु श्रीवास्तव, कवि, ममता पंकज, सरला गुप्ता, अंजली सिंह, कंचन श्रीवास्तव नीरु श्रीवास्तव, हेमलता त्रिपाठी, बरिष्ठ पत्रकार सियाराम पांडेय, अखिलेश द्विवेदी, दशरथ महतो, आनंद चौरसिया आर पी तिवारी निलेन्द्र त्रिपाठी, ऊषाकान्त मिश्र सुनील मिश्र, डी डी मिश्र, सिद्धार्थ चतुर्वेदी, गौरी सिंह, योगेश्वर, गया नाथ मौजूद रहे। वन्देमातरम और राष्ट्रीय गान से बैठक सम्पन्न हुआ। महासचिव राधेश्याम पांडेय ने बैठक का समापन किया।
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