मुरादाबाद : जीरो टॉलरेंस नीति दूर, पद और प्रतिष्ठा भी भूले रिश्वतखोर

चिंताजनक : भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई के निरीक्षक बोले- बिजली, राजस्व, आरटीओ कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा

मुरादाबाद : जीरो टॉलरेंस नीति दूर, पद और प्रतिष्ठा भी भूले रिश्वतखोर

मुरादाबाद,अमृत विचार। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का दावा बिजली विभाग, राजस्व, आरटीओ-एआरटीओ आदि कार्यालयों में दिखावा साबित हुआ है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) इकाई के स्थानीय प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार सिंह भी स्वीकार करते हैं। सुविधा शुल्क पसंद अधिकारियों-कर्मचारियों की सोच कितनी असामाजिक है, ये समाज के बारे में क्या विचार रखते हैं समझा पाना मुश्किल है। 

इधर, एंटी करप्शन टीम की साढ़े तीन साल के आंकड़ों से पता चलता है कि सामान्य कर्मचारी ही नहीं बल्कि, पुलिस विभाग में सीओ सिटी स्तर तक के वरिष्ठ अधिकारी भी सुविधा शुल्क पसंद रहे हैं। एडीओ पंचायत, अवर अभियंता, दरोगा, गन्ना पर्यवेक्षक, कानूनगो, लेखपाल जैसे वरिष्ठ कर्मी तक रिश्वतखोरी में पकड़े गए हैं। बिजली विभाग के जेई पंकज कुमार शर्मा अभी 28 जून को विभागीय सेवा से बर्खास्त तक हो गए हैं। 

प्रभारी निरीक्षक एंटी करप्शन बताते हैं कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध ’भ्रष्टाचार निवारण संगठन’ काम कर रहा है। लेकिन, कुछ शिकायतें भी आती हैं, जो कार्रवाई लायक नहीं होती हैं। कारण ये है लोग चाहते हैं कि संबंधित कार्मिक की तरफ से रिश्वत में मांगी गई धनराशि संगठन दे तो ऐसा कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा, जब से वह संगठन की स्थानीय इकाई में तैनात हैं, उस समय से ही संगठन के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। रिश्वतखोर के पकड़े जाने पर प्रकरण और अपने संपर्क नंबर सार्वजनिक करते हैं। 

भ्रष्टाचार के सवाल पर प्रभारी निरीक्षक कहते हैं कि कई सरकारी कार्यालयों में देखने में आता है कि लोग बिना पैसे काम नहीं कर रहे हैं। लेकिन, हमारे पास जब शिकायत आएगी तभी हम संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई कर भी पाएंगे। उन्होंने कहा, धीरे-धीरे ये मानव प्रवृत्ति बन गई है कि बिना पैसा काम नहीं होता है, पैसा दो काम करा लो। प्रभारी निरीक्षक कहते भी हैं कि बिजली, राजस्व, आरटीओ-एआरटीओ (परिवहन विभाग) कार्यालय में करप्शन सार्वजनिक है। कोविड काल में नहीं थमा रिश्वत लेना : 2020 व 2021 में कोविड का वह दौर, जिसे याद करने पर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन दिनों में भी टीम ने सात लोगों को रंगे हाथ रुपये लेते दबोचा।

यह है मंडल के कुछ मामले
  • वर्ष 2023 : मुरादाबाद में गन्ना पर्यवेक्षक जगदीश सिंह, कानूनगो धर्मवीर सिंह, लेखपाल अंकित कुमार, कार्यालय सहायक बिजली विभाग शरद भटनागर, अमरोहा के अवर अभियंता बिजली अखिलेश सिंह, संभल के दरोगा धर्मेंद्र व अमीन संग्रह सत्यवीर सिंह।
  • वर्ष 2022 : मुरादाबाद में जीआरपी दरोगा चंद्रपाल, जेई बिजली विभाग पंकज शर्मा, एडीओ पंचायत कुलदीप सिंह व ग्राम पंचायत अधिकारी संजीव, सीओ चकबंदी कार्यालय के लिपिक यशवंत और संभल के कानूनगो शिव दयाल, दरोगा दीपक कुमार, कांस्टेबल आनंद प्रकाश, रामपुर के लेखपाल अजयपाल।
  • वर्ष 2021 : रामपुर के सीओ सिटी विद्या किशोर व दरोगा शोकेंद्र एवं लेखपाल दिवाकर सिंह। सीओ सिटी के विरुद्ध सुबूत मिलने पर गंज थाने में 10 जून को प्रभारी निरीक्षक एंटी करप्शन ने रिपोर्ट लिखाई।
  • वर्ष 2020 : संभल जिले में दरोगा चरण सिंह व अनोखे लाल गंगवार, मुरादाबाद में जेई जल निगम अश्वनी कुमार, लेखपाल नेमपाल व अमरोहा में लेखपाल योगेश कुमार।

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