हाईवे का हाल : कागजी घोड़े दौड़ा रहा विभाग, एनएच के 284 स्थलों पर हो गया अतिक्रमण

मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, हापुड़, अमरोहा व बुलंदशहर जिले में हाईवे पर अवैध कब्जा

हाईवे का हाल : कागजी घोड़े दौड़ा रहा विभाग, एनएच के 284 स्थलों पर हो गया अतिक्रमण

परियोजना निदेशक बोले, प्रशासन के पीछे पड़ो तो यहां कहीं थोड़ी-बहुत होती है सुनवाई

मुरादाबाद, अमृत विचार। हाई-वे को अवैध कब्जों से मुक्त करने के दावे खोखले हैं। जबकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) मुरादाबाद रेंज के अधिकारी अवैध कब्जेदारों को नोटिस जारी करने का पुलिंदा जरूर रखा है। क्योंकि नेशनल हाईवे के किनारे या उसके आसपास कुल 284 अवैध कब्जे प्रमाणित हैं।

प्रबंधन कई कब्जेदारों को एक नहीं, तीन-तीन या इससे भी अधिक नोटिस जार करने का दावा करता है। मगर ऐसे कब्जों से हाईवे मुक्त नहीं हो पाया है। जो कई बार हादसे का कारण साबित हुए हैं। इन अवैध कब्जों के कारण हाईवे किनारे खड़े होने वाले वाहनों की भीड़ देखी जा सकती है। शायद इन्हीं वजहों से मुख्यमंत्री ने भी सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से पूर्व में कह चुके हैं कि कोई भी वाहन मार्ग किनारे खड़ा नहीं किया जाएगा। लेकिन, यहां तो नेशनल हाई-वे पर कब्जेदारी का क्रम जारी है।

सच तो यह भी है कि हाईवे को कब्जों से मुक्त कराने को एनएचएआई के अधिकारियों ने कोई ठोस योजना नहीं तैयार की है। केवल कुछ अंतराल पर नोटिस के कोरम जरूर पूरे किए गए हैं। अधिकांश कब्जेदारों को पिछले साल नोटिस दिए गए थे, इनमें एक भी ऐसा स्थल नहीं है जो स्थल कब्जा मुक्त हो गया है।

चार कब्जेदारों को फिर नोटिस
राष्ट्रीय राजमार्ग-09 पर अवैध कब्जेदारों को अभी फिर 7 जुलाई को एनएचएआई के परियोजना निदेशक एवं राजमार्ग प्रशासक अनुज जैन की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं। पाकबड़ा में मोहम्मद रईस, मिलन बिहार के राजेंद्र सिंह, पल्लुपुरा घोसी के मोहम्मद इखलाक, नया मुरादाबाद सेक्टर-13 के ज्वाला प्रॉपर्टी की शाहिस्ता पत्नी जुल्फिकार व अन्य कब्जेदारों को नोटिस दिए गए हैं। इन लोगों को पहले की तरह फिर राजमार्ग प्रशासक ने हिदायत दी है कि भूखंड में निर्माण कर अतिक्रमण किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग की सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया जाना नियम विरुद्ध एवं दंडनीय अपराध है। अगर कोई व्यक्ति राजमार्ग की भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कराता है तो कंट्रोल ऑफ नेशनल हाईवे (जमीन व यातायात) अधिनियम-2002 की धारा-26 व 39 के तहत कार्रवाई होगी। इसमें एक वर्ष तक सजा का भी प्राविधान है। नोटिस में चेताया गया है कि सात दिन के अंदर अवैध अतिक्रमण स्वयं हटा लें अन्यथा एनएचएआई की तरफ से कब्जा हटाने पर आने वाले खर्च संबंधित से ही वसूला जाएगा।

इस तरह के हैं अतिक्रमण
हाईवे किनारे एनएचएआई की जमीन पर पक्का निर्माण एवं बाउंड्रीवॉल कर अवैध कब्जे किए गए हैं। कोई हाईवे की जमीन पर ही खेती-किसानी कर रहा तो कोई अन्य गतिविधियां संचालित किए है।

यह है जनपदवार विवरण

  • जनपद - अवैध वाले स्थल
  • बरेली - 127
  • रामपुर - 66
  • हापुड़ - 49
  • मुरादाबाद - 24
  • अमरोहा - 17
  • बुलंदशहर - 01
  • कुल कब्जे - 284

प्रशासन से अपेक्षित सहयोग नहीं...
अवैध कब्जेदारों को बहुत नोटिस दे चुका हूं। हाईवे पर जोया के मोहल्ला चौधरियान में कब्जे आज भी बरकरार हैं। मैं तहसील प्रशासन के जब बहुत पीछे पड़ गया तब वह एक-डेढ़ महीने बाद 10 दिन पहले कुछ हिस्से को अतिक्रमण से खाली कराया और शेष हिस्से में अभी भी अतिक्रमण बरकार है। इस तरह हमें प्रशासन से बहुत बार बोलना पड़ता है। अब समस्या ये भी है कि हमारे पास भी मैनपावर कम है। सामान्य कार्य करें, या फिर अन्य...। अब कमिश्नर को पत्र लिखकर उन्हें अवैध कब्जों के संबंध में अवगत कराकर हाईवे को कब्जामुक्त कराने का अनुरोध करेंगे। -अनुज जैन, परियोजना निदेशक एवं राजमार्ग प्रशासक

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