हल्द्वानी: 71 सालों से पुल की दरकार, अब तो सुन लो सरकार
ग्रामीण 1952 से सूखी नदी पर एक स्थाई पुल बनाने की मांग करते रहे हैं

चुनाव बहिष्कार व धरना प्रदर्शन के बाद भी किसी जिम्मेदार ने नहीं ली सुध
गौरव तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर से करीब 7 किलोमीटर दूर गौलापार इलाके में स्थित विजयपुर गांव में आज तक सड़क और पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। पिछले 7 दशक में कई सरकारें और मुख्यमंत्री आए और चले गए लेकिन विजयपुर की समस्या का हल कोई नहीं निकाल पाया।
गौलापार के सबसे पुराने गांवों में शुमार विजयपुर गांव सूखी नदी के पार पड़ता है। लेकिन मानसून सत्र में ग्रामीणों के लिए सबसे बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। बारिश होने पर सूखी नदी बाढ़ आ जाने से रौद्र रूप में आ जाती है। ऐसे गौलापार अथवा हल्द्वानी आए स्कूली बच्चों और कर्मचारियों को मजबूरन अपने किसी रिश्तेदार या फिर किराये के कमरे में रुकना पड़ता है।
बच्चों की पढ़ाई व जान के खतरे को देखते हुए विजयपुर के कई ग्रामीण गौलापार में अस्थायी ठिकाना बना लेते हैं। ग्रामीण 1952 से सूखी नदी पर एक स्थाई पुल बनाने की मांग करते चले आ रहे हैं। पुल का प्रस्ताव कई बार शासन के पास भेजा गया लेकिन वन भूमि का इलाका पड़ने से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई है। वहीं हर चुनाव में जनप्रितिनिधि ग्रामीणों को आश्वासन देते हैं, लेकिन अभी तक किसी ने समस्या का स्थाई हल नहीं निकाल पाया है।
गांव में रहते हैं 80 परिवार
विजयपुर गांव में करीब 80 परिवारों के लगभग 600 लोग रहते हैं। पुल का निर्माण न होने से बीते दिनों ही गांव की बुजुर्ग महिला प्रतिमा देवी का निधन हो गया था। ग्रामीण शव यात्रा को रानीबाग ले जा रहे थे लेकिन सूखी नदी के तेज बहाव के चलते घंटों बाद नदी का पानी कम होने पर ही शव को अंतिम संस्कार के लिए रानीबाग ले जाया गया।
चुनाव बहिष्कार व धरना प्रदर्शन के बाद भी नहीं बना पुल
पूर्व में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार व धरना प्रदर्शन किया लेकिन शासन-प्रशासन की ओर कोई सुध नहीं ली गई। अंग्रेजों के समय बसाया गया विजयपुर गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। एक तरफ सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन अभी तक इस गांव में लोगों के आवागमन के लिए न तो पुल का निर्माण करा सकी न ही सड़क की।
बारिश के सीजन में गांव का संपर्क सूखी नदी के चलते पूरी तरह से टूट जाता है। कई बार ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से गुहार पुल निर्माण के लिए लगा चुके है। लेकिन कई दशक बीत जाने के बाद भी अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो पया है।
-मोहन चंद्रा, निवासी विजपुर गांव
पुल व सड़क का निर्माण न होने से ग्रामीणों के लिए यह समस्या एक अभिशाप सी बन गई है। सबसे अधिक दिक्कत बुजुर्गों, बीमार व बच्चों को उठानी पड़ती है। बारिश के वक्त सूखी नदी का बहाव तेज होने के चलते यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। लोगों को पानी घटने का इंतजार करना पड़ता है। इससे कई बार लोगों के महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो जाते हैं।
-हर्ष पड़लिया, निवासी विजयपुर गांव
1927 में वन विभाग की ओर से सूखी नदी के किनारे चौकी का निर्माण किया गया था। वहीं वर्ष 2013 में तत्कालिन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने सूखी नदी पर पुल बनाने की घोषणा की थी लेकन वर्षों बीत गए अभी तक पुल नहीं बन सका।
-आनंद सिंह मेहता, प्रधान प्रतिनिधित्व
वन विभाग की भूमि के चलते निर्माण कार्य लटका हुआ है, वहीं मामले का संज्ञान शासन को है। वन विभाग की आपत्तियों का निस्तारण होने के बाद शासन से मंजूरी मिलते ही प्रस्तावित पुल का कार्य किया जाएगा।
-मनोज पांडे, एई, लोनिवि नैनीताल प्रांतीय खंड