हरदोई: खुदाई के दौरान धंसी मिट्टी, मजदूर की दबकर मौत

हरदोई। सबमर्सिबल पंप के लिए बोरबेल में घुस कर खुदाई कर रहा मजदूर मिट्टी धंसने से उसके नीचे दब गया। हादसा होने से वहां हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मज़दूर को किसी तरह मिट्टी से बाहर निकाला गया। उसे सीएचसी ले जाया जा रहा था। इसी बीच उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। इस तरह का हादसा माधौगंज थाने के सेउढ़ई गांव में होना बताया गया है।
बताते हैं कि माधौगंज थाने के सेउढ़ई निवासी 35 वर्षीय उमेश कुमार पुत्र शिवकुमार मंगलवार को गांव के ही दीपू उर्फ दीपचंद्र के यहां बोरबेल में अंदर घुसकर समर्सेबिल के पाइप डालने के लिए मिट्टी निकाल रहा था। अचानक उसके ऊपर से बोरबेल के कुएं की मिट्टी भर-भराकर उसकी ऊपर गिर पड़ी, जिससे वह उसके नीचे दब गया। उस बीच और भी मज़दूर कुएं के ऊपरी हिस्से की मिट्टी उठा रहे थे।
अचानक हादसा होते देख दोनों मजदूर चीखने-चिल्लाने लगे। शोर सुन कर और लोग भी दौड़ पड़े। सभी मिट्टी के नीचे दबे उमेश कुमार को बाहर निकालने में जुट गए। लेकिन जब तक उसे बाहर निकाल कर सीएचसी ले जाने का बंदोबस्त किया गया, उससे पहले ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को अपने कब्ज़े में लेते हुए उसका पोस्टमार्टम कराया है। हादसे से समूचे गांव में अफरा-तफरी मची हुई है
बहनों का था इकलौता भाई
हरदोई। बोरबेल की खुदाई के दौरान हुए हादसे में जान गंवाने वाला उमेश कुमार चार बहनों का इकलौता भाई था। उसकी शादी साल 2013 में सीतापुर की प्रीती से हुई थी। उसके तीन बेटी काजल,उपासना,गोल्डी व एक बेटा कृष्णा है। इकलौते भाई की मौत की खबर सुनते ही उसकी चारों बहनें बेहोश हो गई। घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल है।
बहन के हाथ पीले करने के लिए दिन-रात कर रहा था मेहनत
उमेश कुमार अपनी चार बहनों रीता,विमला,पूनम व आकांक्षा का इकलौता भाई था। उसकी छोटी बहन की शादी होने को थी। इस वजह से वह अपने पिता शिवकुमार के साथ मिलकर रात-दिन मेहनत-मज़दूरी कर रहा था। वैसे उसकी तीन बहनों की शादी हो चुकी थी। छोटी बहन आकांक्षा भी साथ इज़्ज़त के अपने घर की हो जाए,बस इसी लिए वह जुटा हुआ था। लेकिन इस हादसे ने उसके घर वालों के सारे अरमान तिनके की तरह बिखर गए।
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