Hockey star Amir Ali: मैकेनिक का बेटा बना हॉकी स्टार, जानिए कैसे मिला पकिस्तान को हराने वाली टीम में जगह
वीरेंद्र पांडेय/लखनऊ, अमृत विचार। अगर मन में कुछ कर गुजरने की ललक हो, तो मंजिल मिल ही जाती है। कुछ ऐसा ही काम हॉकी स्टॉर आमिर अली ने कर दिखाया है। आमिर अली मोटर मैकेनिक के बेटे हैं। घर की माली हालत ठीक नहीं है, लेकिन हॉकी के प्रति उनकी ललक ने उन्हें आज स्टार बना दिया है। फुटपाथ पर बैठने वाले मैकेनिक तसव्वुर अली के घर बीते गुरुवार से लोगों के बधाइयों का तांता लगा हुआ है।
दरअसल इसके पीछे की वजह भारतीय हॉकी टीम की पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी जीत है। आमिर अली उसी भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा हैं। जिसने विदेशी धरती पर जूनियर एशिया कप जीत कर तिरंगा फहराया है। पाकिस्तान को 2-1 से हराकर भारतीय टीम वापस लौट आई है। आमिर ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर अपना और अपने देश का नाम रौशन किया है। घरवालों को आमिर के लौटने का इंतजार है।
आमिर के घर की तस्वीरें उनके संघर्षों को बयां करने के लिए काफी हैं। आमिर का पूरा परिवार आज भी शाहनजफ इमामबाड़ा परिसर में बने एक कमरे में रहता है। घर का खर्च आमिर के पिता तसव्वुर अली के फुटपाथ पर दो पहिया वाहन बनाने से मिले पैसों से चलता है, लेकिन इतनी कठिन परिस्थितियां होने के बाद भी आमिर की लगन ने उन्हें आज हॉकी का उम्दा खिलाड़ी बना दिया है।
आमिर की मां इस्मुतुल जहां ने बताया कि उनका बेटा आमिर 7 साल की उम्र से ही हॉकी खेल रहा है। शुरू से ही हॉकी को लेकर अलग तरह की ललक आमिर में थी। परिस्थितियों को देखते हुये पहले हॉकी खेलने के लिए मना भी किया, लेकिन आमिर का लगावा देखकर फिर खेलने से नहीं रोका।
इस्मुतुल जहां बताती हैं कि आमिर के पिता तसव्वुर अली दो पहिया वाहन बनाने का काम करते हैं। उसके बाद भी बच्चे की ख्वाहिश पूरी करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। इस्मुतुल जहां को अब सरकार से दरकार है कि उनके आर्थिक स्थिति को देखते हुये कुछ मदद मुहैया हो तो बेहतर है।
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