Haldwani News : प्रदेश में 55 आईटीआई का संचालन ठप, अनुदेशकों का अभाव, संसाधन की कमी
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हल्द्वानी, अमृत विचार। संसाधनों के अभाव में प्रदेश में 55 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) का संचालन ठप हो गया है। अनुदेशकों का अभाव, घटती प्रशिक्षु संख्या, किराए के भवन और मशीनों के अभाव में इनका संचालन नहीं हो पा रहा है। प्रशिक्षण निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 153 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं। इनमें नेशनल काउंसिल फॉर वाकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) के तहत 91 और स्टेट काउंसिल फॉर वाकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) के तहत 7 संस्थान संचालित हो रहे हैं।
प्रदेश में एससीवीटी के तहत संचालित होने वाले अधिकांश प्रशिक्षण संस्थान बंद हो गए हैं। कुमाऊं और गढ़वाल के दूरस्थ इलाकों में बने इन संस्थानों के न तो भवन बने थे, न यहां मशीनें थी। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों की संख्या भी घटती जा रही थी। पढ़ाने के लिए पर्याप्त अनुदेशक भी इन संस्थानों के पास नहीं थे। शुरुआत में कुछ वर्ष व्यवस्थाओं के आधार पर इनका संचालन हुआ। मगर बाद में गिरती छात्र संख्या और अन्य कारणों के चलते इन्हें बंद करना पड़ा।
प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में विगत 12 वर्षों से स्थायी अनुदेशकों की नियुक्ति नहीं हुई है। प्रशिक्षण निदेशालय की ओर से 370 पदों के लिए इस बार अधियाचन भेजा गया है। प्रदेश की 98 आईटीआई में अनुदेशकों के 1386 पद स्वीकृत हैं। स्वीकृत पदों के सापेक्ष 471 पदों पर स्थायी अनुदेशक तैनात हैं, 915 पद खाली हैं।
वर्तमान में प्रशिक्षण संस्थानों में 29 अलग-अलग ट्रेड संचालित हो रहे हैं। इसमें कोपा, प्लंबर, टर्नर, मैकेनिक, विद्युतकार, फिटर, वायरमैन आदि ट्रेड शामिल हैं। अनुदेशक न होने से इन ट्रेडों का प्रशिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रशिक्षु अपने ट्रेड में दक्ष नहीं बन रहे हैं। इसका प्रभाव रोजगार पर भी पड़ रहा है। प्रदेश के अधिकतर संस्थानों में अनुदेशक नहीं है। विगत 12 वर्षों से शासन का इस ओर ध्यान नहीं गया है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रधानाचार्यों के 50 प्रतिशत पद खाली हैं। हल्द्वानी आईटीआई समेत कई संस्थानों में प्रधानाचार्य नहीं हैं। इससे संस्थान का कार्य प्रभावित हो रहा है। कुल 35 पदों के सापेक्ष ज्यादातर पद रिक्त चल रहे हैं।
अनुदेशकों के 370 पदों के लिए शासन को अधियाचन भेजा गया है। प्रदेश में 98 आईटीआई का संचालन हो रहा है। करीब 55 संस्थान बंद पड़े हैं। प्रधानाचार्य के भी लगभग 50 प्रतिशत पद रिक्त हैं - आरएस मर्तोलिया, उपनिदेशक, प्रशिक्षण।
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