हल्द्वानी: 19 श्रद्धालुओं का पहला दल रवाना हुआ ओम् पर्वत आदि कैलाश यात्रा पर

हल्द्वानी, अमत विचार। उत्तराखंड में चीन सीमा पर होने वाली आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। गुरुवार को यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला दल काठगोदाम के कुमाऊं मंडल विकास निगम गेस्ट हाउस से यात्रा के लिए रवाना हुआ।
श्रद्धालुओं के दल को कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी विनीत तोमर और जीएम एपी वाजपेई ने 19 श्रद्धालुओं के दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बता दें कि दल में 10 पुरुष और 9 महिला यात्री शामिल हैं। इस बार की यात्रा में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। यात्रा काठगोदाम से शुरू होकर कैंची में बाबा नींब करोरी आश्रम होते हुए अल्मोड़ा के प्रसिद्ध चितई के गोलज्यू देवता मंदिर और जागेश्वर मंदिर होते हुए आदि कैलाश और ओम पर्वत तक पहुंचेगी।
केएमवीएन के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर ने हरी झंडी दिखाकर श्रद्धालुओं को रवाना किया। आपको बता दें कि यात्रियों को आदि कैलाश और ओम पर्वत तक पहुंचने के लिए अब बेहद कम दूरी पैदल तय करनी होगी। चीन के साथ खराब संबंधों के चलते कैलाश मानसरोवर यात्रा 2019 से बंद है।
ऐसे में श्रद्धालु आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर भगवान शिव के मानसरोवर रूप का दर्शन कर सकेंगे। केएमवीएन के जीएम एपी वाजपेई के मुताबिक एक यात्री दल आठ दिनों के भीतर आदि कैलाश यात्रा से वापस लौट जाएगा।
इस बार निगम द्वारा लगभग 34 ग्रुप यात्रा पर भेजे जाएंगे। पहले दल की यात्रा आठ दिन में पूरी होगी। जिसका पहला पड़ाव पिथौरागढ़ में पूरा होगा। इस दौरान काठगोदाम से शुरू होने वाली यात्रा भीमताल, कैंची, अल्मोड़ा, चितई, जागेश्वर, पिथौरागढ़, जौलजीबी, धारचूला, बूंदी, छीयालेख, गर्बियांग, नपलच्यू, कालापानी, नाभीदांग, ओम पर्वत होते हुए वापस गूंजी, नाबी, कुट्टी, ज्योलिंगकांग होते हुए आदि कैलाश और पार्वती सरोवर पहुंचेगी। इसके बाद यात्रा वापस गूंजी, बूंदी, धारचूला, डीडीहाट, चौकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर, शेराघाट, अल्मोड़ा, भीमताल होते हुए काठगोदाम में समाप्त हो जाएगी।