हल्द्वानी: सख्ती के साथ हटाई गईं थी दुकानें, फिर बसा दी गईं

हल्द्वानी: सख्ती के साथ हटाई गईं थी दुकानें, फिर बसा दी गईं

हल्द्वानी, अमृत विचार। परिवहन निगम ने साल 2021 में हल्द्वानी बस स्टेशन से दुकानों को अवैध निर्माण बताकर हटवाया था। इस दौरान निगम ने घाटा मंजूर पर स्टेशन में किसी भी हाल में दोबारा कब्जा न होने देने की बात कही थी। लेकिन वर्तमान स्थिति से निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

 गौरतलब है कि साल 2018 में परिवहन निगम ने हल्द्वानी बस स्टेशन में दुकानों को टेंडर के जरिये किराये पर दिया था। जिसके बाद अनुबंध को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के बाद दुकानदारों ने निगम को किराया देना बंद कर दिया।

जिस पर निगम की ओर से दुकानदारों को नोटिस भेजा गया, लेकिन किसी पर नोटिस का असर नहीं हुआ। बाद में निगम ने दुकानों को अतिक्रमण बताकर पुलिस और प्रशासन की मदद से तोड़ दिया था। इस कार्रवाई के दौरान काफी विरोध और हंगामा भी हुआ था। पुलिस ने बामुश्किल स्थिति को संभाला था। वर्तमान में बस स्टेशन दोबारा अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहा है। स्टेशन के अंदर खुलेआम अवैध दुकानें चल रही हैं। जिसकी जानकारी निगम के अधिकारियों को भी है। बावजूद इसके अवैध दुकानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। 

सबको है पता...किसने लगाई हैं दुकानें
रोडवेज स्टेशन में लगी अवैध दुकानें किसके कहने और किसके निर्देश से लगवाई गई हैं, जिसकी जानकारी सभी को है। निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा लोगों तक में इस बात की चर्चा है। कुछ चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए अलग-अलग सत्तापक्ष के नेताओं के नाम इस मामले में सामने आ रहे हैं। चहेतों को दुकान के लिए स्टेशन में जगह देने को मुख्यालय स्तर तक सिफारिश का जोर लगाया था। 


स्टेशन में 2 दुकानें अनाधिकृत रूप से लगी हैं। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई है। मुख्यालय स्तर से आदेश मिलने के बाद अवैध दुकानों को हटाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
                                   - सुरेंद्र सिंह बिष्ट, सहायक महाप्रबंधक, उत्तराखंड परिवहन निगम