MP विधानसभा चुनाव:  कांग्रेस ने थामा चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू का ‘हाथ’ 

MP विधानसभा चुनाव:  कांग्रेस ने थामा चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू का ‘हाथ’ 

भोपाल। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान को आकार प्रदान करने के लिए प्रशांत किशोर के पूर्व सहयोगी एवं चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू का 'हाथ' थामा है। पार्टी एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन साल पहले राज्य में कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

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मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी के पदाधिकारी ने कहा कि कनुगोलू वर्तमान में कर्नाटक में कांग्रेस के चुनाव अभियान की अगुआई कर रहे हैं जहां 10 मई को विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि वहां चुनाव समाप्त होने के बाद वह मध्य प्रदेश पर ध्यान केंद्रित करेंगे और प्रदेश में अपना कार्यालय स्थापित करेंगे।

उन्होंने कहा कि कनुगोलू ने पहले भाजपा के अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ काम किया था और बाद में उन्होंने कांग्रेस के लिए अभियान की रणनीति बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कनुगोलू ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भी योगदान दिया था।

वरिष्ठ पत्रकार एवं ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ (ओआरएफ) में ‘विजिटिंग फेलो’ रशीद किदवई ने कहा, ‘‘विधानसभा चुनावों की तैयारी में एक पेशेवर रणनीतिकार की मदद काम आती है। जातिगत समीकरणों सहित मध्य प्रदेश की आंतरिक राजनीतिक स्थिति काम को और अधिक जटिल बनाती है। शायद कांग्रेस को अपना चुनाव प्रबंधन तंत्र बनाना चाहिए।’’

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि कनुगोलू पार्टी के अभियान को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगे। पार्टी नेताओं ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए काम किया था और कहा जाता है कि उन्होंने 2017 में योगी आदित्यनाथ की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाई थी। मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सदस्यीय सदन में 114 सीट जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के कारण कांग्रेस के कई विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए जिससे शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ।

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