हल्द्वानी: कैंचीधाम से लौटने पर भवाली, भीमताल, हल्द्वानी में जाम में फंसे विधायक तब चली हकीकत पता

हल्द्वानी: कैंचीधाम से लौटने पर भवाली, भीमताल, हल्द्वानी में जाम में फंसे विधायक तब चली हकीकत पता

हल्द्वानी, अमृत विचार। पर्यटन सीजन में पुलिस व प्रशासन के ट्रैफिक सुचारू करने और पर्यटकों को मुनासिब किराये पर कमरे दिलाने के दावे तब धड़ाम हो गए, जब सत्ताधारी दल भाजपा के कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत खुद जाम में फंसे।

उन्हें 44 किमी की दूरी तय करने में 10 घंटे लग गये और जब अनजान बनकर पर्यटकों से मिले तो पर्यटकों से हो रही लूट खसोट का खुलासा हुआ। इस पर विधायक दुखी हुए और उन्होंने कहा कि इस तरह राज्य की छवि खराब हो रही है।
विधायक भगत बीते मंगलवार को घोड़ाखाल व कैंचीधाम मंदिर गए थे।

विधायक ने बताया कि जब वह हल्द्वानी के लिए लौटे तो पहले कैंचीधाम, फिर भवाली, भीमताल और अंत में हल्द्वानी में जाम से जूझना पड़ा। उन्होंने कहा कि हर जगह ट्रैफिक इंतजाम धड़ाम है। अव्यवस्थित ट्रैफिक प्लान की वजह से पर्यटकों को घंटों जाम से जूझना पड़ रहा है।

जाम में फंसे होने की वजह से सैकड़ों पर्यटकों की ट्रेनें भी छूट गईं। अब पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है जो आने वाले समय में पीक पर पहुंचेगा। ऐसे में बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था से अन्य राज्यों में उत्तराखंड के प्रति अच्छा संदेश नहीं जाएगा, इससे राज्य सरकार की छवि धूमिल हो रही है। यही हालत रही तो पर्यटक विमुख होकर अन्य राज्यों के लिए निकलेंगे। उन्होंने प्रशासन से बेपटरी ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने को कहा है।

विधायक को एस्कॉर्ट देने पहुंची पुलिस, किया इंकार 
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विधायक बंशीधर भगत के जाम में फंसने की सूचना पर पुलिस ने उन्हें एस्कॉर्ट वाहन दिया। यह वाहन भगत को जाम से निकालता लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। साथ ही जाम खुलवाने के बाद ही वहां से निकले। 

पर्यटक ने वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिये दिये 2 हजार 
हल्द्वानी। कैंची धाम में लौटने के दौरान विधायक भगत एक आम पर्यटक बनकर पर्यटकों के समूह में घुस गए और उनसे बातचीत करने लगे। तब पर्यटकों ने उन्हें बताया कि वीकेंड पर एक कमरे का 7 से 12 हजार रुपया किराया वसूला गया। इतना ही नहीं एक महिला पर्यटक ने मजबूरी में होटल का वॉशरूम इस्तेमाल किया तो उससे 2 हजार रुपये वसूले गये। वहीं कई ने तो बताया कि मुनासिब दामों में कमरा नहीं मिलने पर वे कार में ही सोने को विवश हो गये। जाम में छोटे-छोटे बच्चों को तकलीफों का सामना करना पड़ा। कई पर्यटकों ने सुखद अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब उन्हें कहीं आश्रय नहीं मिला तो युगल किशोर मठपाल ने 11 पर्यटकों को अपने आवास में जगह दी।