सिद्धारमैया ने सीआरपीएफ की परीक्षा केवल हिंदी और अंग्रेजी में कराने के फैसले पर उठाया सवाल
बेंगलुरु। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उस फैसले का विरोध किया, जिसमें बल में भर्ती की परीक्षा केवल हिंदी व अंग्रेजी में कराने का फैसला लिया गया है, कन्नड़ में नहीं। सिद्धारमैया ने इसे कर्नाटक जैसे गैर-हिंदी भाषी राज्यों के उम्मीदवारों के साथ अन्याय करार देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘डबल इंजन’ सरकार राज्य की आकांक्षाओं को पूरा करने में ‘असफल’ रही है।
सिद्धारमैया ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि वह उम्मीदवारों को सीआरपीएफ की भर्ती परीक्षा कन्नड भाषा में भी देने की तत्काल अनुमति दें। गैर-हिंदी भाषी राज्यों के उम्मीदवारों को राहत देने के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी में परीक्षा देने के नियम में ढील देना अहम है। उन्होंने कहा कि भाषा से ज्ञान प्रतिबिंबित नहीं होती, बल्कि यह केवल संवाद का माध्यम भर है। गौरतलब है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भी केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सीआरपीएफ की कंप्यूटर आधारित भर्ती परीक्षा में तमिल भाषा को शामिल न करने का विरोध किया है।
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