मालेगांव विस्फोट मामला: अदालत में पेश नहीं होने पर एटीएस अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी
मुंबई। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया, क्योंकि वह 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में पेश नहीं हुए। मामले के गवाह अधिकारी को विशेष एनआईए न्यायाधीश ए के लाहोटी के समक्ष अपना बयान दर्ज करने के लिए समन किया गया था। एक वकील ने कहा कि हालांकि, वह इस आधार पर अदालत के सामने नहीं आए कि जिस इलाके में वह रहते है वहां कानून व्यवस्था की दिक्कत है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया क्योंकि यह दूसरा मामला है जब एटीएस अधिकारी अदालत में सुनवायी पर पेश नहीं हुए।
मामले में अब तक 300 से अधिक गवाहों से जिरह की जा चुकी है और उनमें से 34 अपने बयान से पलट गए हैं। 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित नासिक जिले के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल से बंधे विस्फोटक में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे। इस मामले के आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, एस द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं। ये सभी अभी जमानत पर हैं।
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