अयोध्या में जिनके सहारे नाव, उनको नहीं मिला भाव, घोषित भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं

अयोध्या, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया है, लेकिन अयोध्या जिले का कोई भी प्रतिनिधि इस टीम का हिस्सा नहीं बन सका है। विधानसभा चुनाव के दौरान डगमगा रही पार्टी की नैय्या को जिन्होंने पार लगाया। उन पर विश्वास करना भी शीर्ष नेतृत्व ने सही नहीं समझा।
प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद जिले के वरिष्ठ और पार्टी के घनिष्ठ कार्यकर्ताओं को भी झटका जरूर लगा होगा। ऐसा होना लाजिमी भी है। क्योंकि मोदी और योगी की नजरों में अयोध्या शीर्ष प्राथमिकता पर है और ऐसी स्थिति में यहां के एक भी सदस्य का कार्यकारिणी में न होना जनप्रतिनिधियों की कार्यकुशलता पर संदेह पैदा करता है।
गत दिनों यूपी बीजेपी की नई कार्यकारिणी का एलान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने किया। इस बार जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की गई और तीन ओबीसी नेताओं को क्षेत्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी गई। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने अपनी नई टीम की घोषणा की है।
टीम में पार्टी की तरफ से संगठन के 18 प्रदेश उपाध्यक्ष, 7 महामंत्री और सभी 6 क्षेत्रों के अध्यक्षों की घोषणा हुई है। कयास लगाए जा रहे थे कि जनपद की अयोध्या विधानसभा के विधायक वेद प्रकाश गुप्त और रुदौली विधायक रामचंद्र यादव को कार्यकारिणी में जगह जरूर मिलेगी, लेकिन टीम की घोषणा होते ही पार्टी के कई कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई। 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान जनपद की पांचों सीट भाजपा के खाते में आई थी, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के पांचों उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर मिलती दिखी।
हालांकि नतीजों में तीन सीट भाजपा के खातें में आई, जिसमें अयोध्या और रुदौली सीट पर प्रत्याशी रिपीट हो गए। बीकापुर में भी भाजपा विधायक शोभा सिंह चौहान के पुत्र डॉ. अमित सिंह बाजी मार गए। अयोध्या से वेद प्रकाश गुप्त और रुदौली से रामचंद्र यादव ने अपनी सीटें जीतकर शीर्ष नेतृत्व के दिल में जगह बनाने का प्रयास जरूर किया, लेकिन कार्यकारिणी घोषित करते समय इन्हें एक बार फिर दरकिनार कर दिया गया।
विधानसभा चुनाव के बाद भी विधायक लगाए थे उम्मीद
अयोध्या में 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए जीतना टेढ़ी खीर समान था, लेकिन नगर सीट से वेद प्रकाश गुप्ता ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी तेज नारायाण पांडेय को हराकर एक बार फिर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। यही नहीं रुदौली से भाजपा प्रत्याशी रहे रामचंद्र यादव ने भी त्रिकोणीय मुकाबले में धमाकेदार जीत दर्ज की थी। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मंत्रिमंडल में दोनों नेताओं में से किसी एक को स्थान जरूर मिलेगा, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
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