मां सरयू का पावन तट पाकर मनुष्य धन्य हो जाता है: डॉ राघवाचार्य

अयोध्या, अमृत विचार। जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी डॉ राघवाचार्य ने भागवत की चर्चा करते हुए कहा कि यह वही धरती है, जहां त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने अवतार लिया और अब श्री रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है। मां सरयू के पावन तट पर भागवत चर्चा हो रही है। ऐसा सुरम्य वातावरण पाकर मनुष्य धन्य हो जाता है।
वह प्रभु श्री राम के जन्म महोत्सव पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सानिध्य में श्रीराम जन्म महोत्सव समिति द्वारा सरयू के तट पर चल रही सांस्कृतिक संध्या में राम कथा कह रहे थे। संजय कृष्ण दास ने भागवत चर्चा करते हुए कहा कि भगवान भक्त के बस में रहते हैं और प्रह्लाद जी के पुकारने पर आनंदकंद परमेश्वर प्रकट हो जाते हैं।
श्रीराम की जन्म स्थली और मां सरयू के पावन तट पर भगवत चर्चा का अवसर हासिल कर मैं स्वयं धन्य हो गया। अमरनाथ पांडेय ने श्रीराम और भक्त हनुमान की चर्चा करते हुए कहा कि कलयुग में हनुमान जी ही अयोध्या के राजा हैं और समिति द्वारा आयोजित इस प्रभु श्री राम की चर्चा को सुनकर वह निश्चित ही गदगद हो रहे होंगे।
स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज ने कहा कि प्रभु के नाम में इतनी शक्ति है कि उनके नाम के स्मरण मात्र से ही मनुष्य के सभी क्लेश कट जाते हैं और जब नाम स्मरण सप्तपुरियो के प्रथमपुरी अयोध्या में हो तो निश्चित ही मनुष्य कृत कृत हो जाता है। संचालन डॉ जनार्दन उपाध्याय और स्वागत तथा आभार महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने किया।
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