होली : गले मिलकर भी नहीं दूर हुए शिकवे, सड़क हादसे दो गुने हुए
पिछले साल की अपेक्षा इस साल होली पर हादसों के साथ बढ़ी मौतों की संख्या, होली के दिन डायल 112 पर आईं 253 कॉल
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हल्द्वानी, अमृत विचार। होली पर अगर वर्ष 1975 में आई सुपरहिट फिल्म शोले का गीत 'होली के दिन दिल मिल जाते...' न बजे तो त्योहार पूरा नहीं होता। इसी गीत की अगली लाइन है गिले शिकवे भूलकर दुश्मन भी गले मिल जाते हैं..., लेकिन अब गले मिलकर भी शिकवे दूर नहीं होते। आलम ये है कि पिछली साल पर होली की अपेक्षा इस साल न सिर्फ झगड़ों की संख्या बढ़ी, बल्कि हादसों दो गुनी रफ्तार से बढ़े।
इस साल होली में छह लोगों की मौत हुई और 35 ज्यादा घायल इलाज के लिए सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय पहुंचे। आलम यह था कि शहर का कोई कोना ऐसा नहीं बचा था, जहां से हादसे की खबर न आई हो और इसका सुबूत है पुलिस का डायल 112।
इस साल सिर्फ होली के दिन पुलिस ने डायल 112 पर 253 कॉल रिसीव की गई। इस कॉल में होली के दिन के झगड़े भी शामिल थे और हादसे भी। जबकि वर्ष 2022 की बात करें तो इस वर्ष 112 पर 199 कॉल आई थी। वर्ष 2022 में 15 सूचनाएं सड़क दुर्घटनाओं की थी और 75 सूचनाएं झगड़ों की। जबकि वर्ष 2023 में झगड़े की 117 और सड़क हादसों की 32 सूचनाएं पुलिस को मिलीं। यानी सड़क हादसे पिछली साल की अपेक्षा न सिर्फ दो गुने हुए बल्कि झगड़ों में बड़ा इजाफा हुआ।
चर्चा में थी पुलिस की होली और हादसे
इस साल हादसे और पुलिस की होली चर्चा में थी। दरअसल, पुलिस की होली हर साल होली के अगले दिन मनाई जाती थी। जबकि इस बार पुलिस की होली, होली के दिन दोपहर दो बजे शुरू हो गई थी। चूंकि पिछले साल की अपेक्षा इस बार सड़क हादसे और मौतें अधिक हुई तो चर्चा होनी ही थी। लोग कयास लगा रहे थे कि अगर पुलिस की होली अगले ही दिन होती तो शायद हादसों पर लगाम लगती।
शराब की अवैध खेप का अड्डा बना हल्द्वानी
उत्तराखंड में अन्य राज्यों की अपेक्षा शराब के दाम काफी महंगे हैं और ऐसे में शराब माफिया को बाहरी राज्य की शराब यहां खपाने में मुनाफा कई गुना ज्यादा होता है। यही वजह है कि होली से पहले और होली के बाद पुलिस ने शराब की कई बड़ी खेप पकड़ी। आलम यह था कि तस्कर कभी आर्मी कैंटीन के लाइसेंस पर, कभी टैंकर में तो कभी डाक वाहन की आड़ में बड़ी-बड़ी खेप लेकर शहर पहुंचे।
भुलाए नहीं भूलेगी होली पर हर्षिता की मौत
दरोगा की पत्नी की सफारी गाड़ी से होली पर हुई हर्षिता की मौत को भुलाया नहीं जा सकता। हालांकि इस गाड़ी को कोई और ही चला रहा था, लेकिन पकड़ा गया। बावजूद इसके गाड़ी मालिक द्वारा पुलिस को दिए बयान पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है। हादसे में स्कूटी सवार हर्षिता की सहेली लाव्या की हालत अब भी नाजुक है। वो वेंटीलेटर पर है और कमर का निचला हिस्सा बुरी तरह जख्मी है।