बरेली: चार महीने से अलमारियों में बंद है नगर निगम का रेंट विभाग

बरेली: चार महीने से अलमारियों में बंद है नगर निगम का रेंट विभाग

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम कंगाली जैसे हालात से जूझ रहा है, फिर भी अफसरों को कोई परवाह नहीं है। राजस्व वसूली पर असर पड़ने की आशंका के बावजूद रेंट विभाग की महत्वपूर्ण फाइलों को तलाश करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। रेंट विभाग के बाबू के बर्खास्त होने के चार महीने बाद भी यह काम अटका पड़ा है। ये फाइलें निकालने के लिए 12 अलमारियां खोली जानी हैं जिनमें से पांच ही खुल पाई हैं। इनमें से भी दो अलमारियों में निकली फाइलों की सूची बनाई गई है। फाइलें न मिलने की वजह से किराए पर चल रही तमाम दुकानों का रिन्यूवल भी नहीं हो पा रहा है।

हत्या के मामले में बाबू को तीन नवंबर 2022 को बर्खास्त किया गया था, तब से रेंट संबंधी फाइलें अलमारियों में बंद हैं। अपर नगर आयुक्त प्रथम ने 9 दिसम्बर को बर्खास्त बाबू की अलमारियों को खोलकर फाइलों की सूची बनाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी जिसने दो अलमारियां खोलकर रिपोर्ट दे दी। कई दिनों बाद पता चला कि डाकखाने के ऊपर रेंट विभाग की 12 अलमारियों में भी रेंट संबंधी फाइलें रखी हैं। एक महीने से इन अलमारियों को खोलने का काम चल रहा है लेकिन अब तक 12 में से पांच अलमारी ही खुल पाई हैं। इनमें से भी दो अलमारियों की ही फाइलों की सूची बन पाई है।

ताले तोड़ने के बाद खुली छोड़ दीं सभी अलमारियां, फाइलें गायब होने का डर
सूत्र बताते हैं ति अलमारी खोलते समय वीडियोग्राफी कराई गईथी। अलमारियों का ताला तोड़ा गया लेकिन इसके बाद उन्हें बंद करने की व्यवस्था नहीं की गई। अलमारियों के दरवाजे को टेप लगाकर बंद कर दिया गया है। लिहाजा अब आशंका है कि यहां से फाइलों को गायब भी कराया जा सकता है। बताया जा रहा है कि अलमारियों में दोबारा लॉक लगवाने के लिए नाजिर से कहा गया था लेकिन उन्होंने साफ इन्कार कर दिया।

फाइलों में निकल सकते हैं कई घपले
शहर में नगर निगम की तमाम दुकानें किराए पर चल रही हैं। निगम इनका वार्षिक और मासिक किराया लेता है। धर्मदत्त सिटी अस्पताल के बाहर 28 दुकानों की लीज खत्म हो चुकी हैं, लेकिन रेंट की फाइलें बंद होने से कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। कोतवाली के पास टी रोज होटल की लीज खत्म हो चुकी है। तत्कालीन नगर आयुक्त अभिषेक आनंद के समय इस होटल की नीलामी की तैयारी थी। होटल जिसे लीज पर दिया गया, वह उसे नहीं चला रहा। इस प्रकरण में गोलमाल के आरोप भी लग रहे हैं लेकिन इसकी भी जांच नहीं हो पा रही है।

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