कश्मीर में सेना की मौजूदगी घटाना-बढ़ाना सरकार पर निर्भर: फारूक अब्दुल्ला

कश्मीर में सेना की मौजूदगी घटाना-बढ़ाना सरकार पर निर्भर: फारूक अब्दुल्ला

श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती में कमी करना या बढ़ाना सरकार पर निर्भर करता है। अब्दुल्ला उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केन्द्र में मोदी सरकार कश्मीर के आंतरिक इलाकों से भारतीय सेना की चरणबद्ध वापसी पर विचार कर रही है। द इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र ने बताया कि केंद्र सरकार चरणबद्ध तरीके से कश्मीर के आतंरिक हिस्सों से सेना को वापस बुलाने और इसके स्थान पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को तैनात करने की योजना पर विचार कर रही है। 

अब्दुल्ला ने कहा कि सेना की मौजूदगी को कम करना सरकार का विशेषाधिकार है। सरकार कितने सैनिकों को घटाएंगे या बढ़ाएंगे यह पूरी तरह से उनका फैसला है। जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा तोड़फोड की कार्रवाई को रोकने की खबरों पर उन्होंने कहा कि यह लोगों के दबाव के कारण हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, अगर लोगों ने शोर नहीं मचाया होता, तो वे अभियान तेज कर देते। लोगों को यह याद रखना चाहिए कि जब सभी एकजुट होते हैं तो उनकी आवाज में सरकार को हिला देने की ताकत होती है।

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