कल है महाशिवरात्रि, भगवान शिव के छठे ज्योतिर्लिंग पर छिड़ी 'जंग', जानिए भीमाशंकर मंदिर का धार्मिक महत्व
मुंबई। भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों के मंत्र (द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र) में कहा गया है कि डाकिनी नामक जगह पर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक शिव के बारह ज्योतिर्लिंग हैं। माना जाता है कि इन जगहों पर महादेव प्रकट हुए थे और इसी वजह से वहां ज्योतिर्लिंगों की स्थापना हुई। शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से तीन महाराष्ट्र में हैं। श्लोक में छठे नंबर पर आने वाले ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर को लेकर अब असम ने भी दावा किया है। यहीं से एक नया विवाद शुरू हो गया है।
महाशिवरात्रि से पहले असम सरकार ने एक विज्ञापन निकाला है। इसमें कहा गया है कि भारत का छठा ज्योतिर्लिंग असम के कामरूप जिले की डाकिनी पहाड़ी पर स्थित है। इसको लेकर महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों ने हिमंत बिस्वा सरमा सरकार पर हमला बोला है।
कहां-कहां हैं शिव के 12 ज्योतिर्लिंग
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥
इस मंत्र के मुताबिक सौराष्ट्र यानी गुजरात में सोमनाथ, श्रीशैल पर मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश), उज्जैन में महाकाल (मध्य प्रदेश), ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश), परली में वैद्यनाथ (झारखंड), डाकिनी में भीमाशंकर (महाराष्ट्र), सेतुबंध पर रामेश्वरम (तमिलनाडु), नागेश्वर नाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात), विश्वेश्वर यानी काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश), त्र्यम्बकेश्वर (महाराष्ट्र), हिमालय पर केदारनाथ (उत्तराखंड) और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में है।
असम सरकार के विज्ञापन से विवाद
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है। ज्योतिर्लिंग के पास भीमा नदी बहती है, जो सह्याद्रि पर्वत के पास है। ऐसी मान्यता काफी लंबे समय से है। वहीं असम के पर्यटन विभाग ने अखबार पर फुल पेज के अपने विज्ञापन में लिखा है, 'भारतवर्ष के छठे ज्योतिर्लिंग स्थल कामरूप के डाकिनी पहाड़ में आपका स्वागत है।' इस विज्ञापन में शिव पुराण का जिक्र करते हुए भीमशंकर की कथा भी बताई गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की तस्वीर के साथ अपील में कहा गया है, 'प्राकृतिक सुंदरता के बीच भीमशंकर ज्योतिर्लिंग के पवित्र स्थान में आइए। हम महाशिवरात्रि की आध्यात्मिकता में लीन हो जाएं।'
भाजपाच्या नेत्यांनी महाराष्ट्राच्या वाट्याला काहीही ठेवायचं नाही असं ठरवलंय काय? अगोदर महाराष्ट्राच्या वाट्याचे उद्योग आणि रोजगार पळविले आणि आता चक्क आमचा सांस्कृतिक व अध्यात्मिक वारसा पळविण्याचा घाट घातलाय....! pic.twitter.com/0hsHvm8sqO
— Supriya Sule (@supriya_sule) February 14, 2023
भीमाशंकर की पौराणिक कथा
असम सरकार के विज्ञापन में भीमाशंकर की कथा का जिक्र है। इसमें शिवपुराण के हवाले से लिखा है कि रावण के भाई कुंभकर्ण का भीम नाम का पुत्र था। पिता की मृत्यु के बाद उसका जन्म हुआ था। उसे अपने पिता की मृत्यु भगवान राम से होने का पता नहीं था। जब अपनी माता से उसे इसका पता चला तो ब्रह्माजी की तपस्या कर विजयी होने का वरदान मांगा। वरदान मिलने के बाद वह अत्याचारी हो गया। युद्ध में उसने देवताओं को भी हरा दिया। इसके बाद देवता भगवान शिव के पास गए। शिव ने देवताओं को आश्वासन दिया कि जल्द राक्षस के अत्याचार का अंत होगा। महादेव ने युद्ध में राक्षस भीम को राख कर दिया। इसके बाद शिव भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में यहां विराजमान हैं।
डाकिनी जगह का पुणे में जिक्र नहीं मिलता
दरअसल द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र में डाकिन्यां भीमशंकरम लिखा है लेकिन डाकिनी से जगह का पता नहीं चल पाता है। मान्यताओं के मुताबिक मुंबई से पूर्व और पुणे से उत्तर में भीमा नदी के तट पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है। इसी नदी को आधार बनाकर ज्योतिर्लिंग की मान्यता है। डाकिनी नाम की जगह का यहां पर कुछ पता नहीं चलता है। यहां सह्याद्रि पर्वत पर भगवान शिव विराजमान हैं। उसी से भीमा नदी निकलती है। ऐसा संभव है कि प्राचीन समय में यहां कोई डाकिनी नाम की बस्ती रही हो। वहीं शिवपुराण में कहा गया है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग असम के कामरूप जिले में गुवाहाटी के पास ब्रह्मरूप पहाड़ी पर स्थित है। शिव पुराण के रुद्र संहिता में लिखा गया है कि लोकहित के उद्देश्य से भगवान शिव कामरूप देश ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
सुले ने बृहद रत्नाकर स्तोत्र का दिया हवाला
असम सरकार के विज्ञापन के दावे पर महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है। एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने ट्वीट करते हुए लिखा है, क्या बीजेपी ने महाराष्ट्र के उद्योग-धंधों को छीनने के बाद अब सांस्कृतिक और आध्यात्मिक खजाने को छीनने का निर्णय लिय है। पुणे इस ज्योतिर्लिंग के लिए जाना जाता है, जहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। बीजेपी शासित राज्य में गुवाहाटी के पास पमोही को छठा ज्योतिर्लिंग प्रचारित किया जा रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हमारी आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए तत्काल ध्यान दें। सुले ने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को भी ट्वीट में टैग करते हुए आपत्ति जताई है। सुप्रिया सुले ने आदि शंकराचार्य के बृहद रत्नाकर स्तोत्र का जिक्र करते हुए कहा है कि असम की बीजेपी सरकार जो कर रही है, उसका न तो कोई आधार है और न ही इसे स्वीकार किया जा सकता है।
18 फरवरी को है महाशिवरात्रि
18 फरवरी को पूरे देश में महाशिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर तमाम प्रसिद्ध शिव मंदिरों में खास तैयारी की जा रही है। खासतौर से 12 ज्योर्तिलिंग में महाशिवरात्रि की पूजा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। दरअसल, शिवभक्तों के लिए सावन और शिवरात्रि का महत्व अत्याधिक है। ऐसे में भक्तगण दूर-दूर से इन प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन-पूजा के लिए पहुंचते हैं।
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