2023 में हुआ अडानी का पतन, 2024 में होगा मोदी का : दीपंकर भट्टाचार्य

2023 में हुआ अडानी का पतन, 2024 में होगा मोदी का : दीपंकर भट्टाचार्य

पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी समूह पर विपक्षी दलों के संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) की मांग को उचित बताया और कहा कि वर्ष 2023 में अडानी का पतना हुआ और वर्ष 2024 में श्री नरेंद्र मोदी का होगा।

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 भट्टाचार्य ने पार्टी के 11वें महाधिवेशन के अवसर पर बुधवार को गांधी मैदान स्थित आईएमए हाॅल में स्मारिका का लोकार्पण करने के बाद अडानी समूह के मामले में हिंडनबर्ग के खुलासे पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कंपनी राज की लूट और झूठ का पहला बड़ा खुलासा है।

इस मसले पर विपक्षी दलों की ओर से जेपीसी के जरिए जांच की मांग वाजिब है। भाकपा-माले इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में अडानी का पतन हुआ है और वर्ष 2024 में श्री नरेंद्र मोदी का पतन होगा। भाकपा-माले के महासचिव ने कहा कि भाकपा-माले का यह 11वां महाधिवेशन और 15 फरवरी की रैली हर लिहाज से ऐतिहासिक होने जा रही है।

महाधिवेशन में पूरे देश से दो हजार से ज्यादा प्रतिनिधि, पर्यवेक्षक और अतिथि भाग लेंगे। कई देशों से फैटरनल प्रतिनिधि भी महाधिवेशन में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि 15 फरवरी की रैली भाकपा-माले की अबतक की सबसे बड़ी रैली होगी, जिसमें मजदूर-किसानों सहित स्कीम वर्कर, ठेका नियोजन मानदेय पर कार्यरत कर्मी और बेरोजगार नौजवानों की बड़ी हिस्सेदारी होगी।

 भट्टाचार्य ने बताया कि स्मारिका में बिहार में सदियों से जारी अन्याय एवं उत्पीड़न के खिलाफ जारी संघर्ष और आधुनिक बिहार के इतिहास में उन अनेकानेक प्रगतिशील अध्यायों को गर्व के साथ याद किया गया है, जिसने इस राज्य में कम्युनिस्ट और सोशलिस्ट आंदोलनों का जीवंत गढ़ बना दिया।

भूमिका में लिखा गया है कि स्मारिका के जरिए उन नेताओं और शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जिन्होंने बिहार में कम्युनिस्ट आंदोलन को मजबूत नींव और लोकप्रिय चरित्र प्रदान किया है।

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