मोदी सरकार में एक उद्योगपति के आए ‘अच्छे दिन’, गरीबों के लिए ‘बुरे दिन’ : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘दिशाहीन’ करार देते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि इस सरकार में सिर्फ एक उद्योगपति के अच्छे दिन आए हैं, गरीबों के लिए ‘बुरे दिन’ आए हैं। सदन में पार्टी के उप नेता गौरव गोगोई ने वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट पर सामान्य चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच होनी चाहिए।
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गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं को लेकर उपाय नहीं सुझाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बड़ी चुनौती यह है कि देश की जनसंख्या 140 करोड़ से अधिक हो चुकी है, लेकिन बेरोजगारी दर सात प्रतिशत से अधिक है। आज देश के लिए बहुत कठिन परिस्थिति है।’’
गोगोई का कहना था, ‘‘आज बेरोजगारी और गरीबी बढ़ रही है। अगर 80 करोड़ लोगों को आज मुफ्त अनाज देना पड़ रहा है तो इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘महंगाई बढ़ रही है। चीन की चुनौती है। हम चाहते थे कि वर्तमान की चुनौतियों से निपटने और देश को नयी दिशा देने वाला बजट हो।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह दिशाहीन बजट है।’’ उन्होंने उद्योगपति गौतम अडाणी का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, ‘‘मैं बजट को ‘ए’ रेटिंग देता हूं। इस ‘ए’ का मतलब .... है। गरीबों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है।’’ उन्होंने दावा किया कि आज एक उद्योगपति के अच्छे दिन आए हैं, गरीबों के ‘बुरे दिन’ आए हैं। गोगोई ने कहा, ‘‘बजट में एमएसपी का कोई जिक्र नहीं किया गया। किसान कर्ज वापस नहीं कर पा रहे हैं।
हमारी मांग है कि जिस प्रकार से बड़ी कपंनियों के कर्ज माफ किए गए, उसी तरह किसानों के कर्ज माफ करना चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि रक्षा के बजट में पर्याप्त आवंटन नहीं किया गया, जिस कारण सेना और वायुसेना के लिए पैसे की कमी है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘ऐसी स्थिति में हम चीनी चुनौती से कैसे निपटेंगे?’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन के साथ व्यापार असंतुलन बढ़ रहा है, आयात बढ़ रहा है।
हम सेना को क्या संदेश दे रहे हैं? क्या हम सेना से कह रहे हैं कि आप खड़े रहिए, लड़ते रहिए, हम चीन से आयात करते रहेंगे।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘पूरी दुनिया चीन पर निर्भरता कम कर रही है। आज मोदी सरकार में भारत की निर्भरता चीन पर बढ़ती जा रही है।’’ गोगोई ने कहा, ‘‘सरकार को पारदर्शी होना चाहिए। जब कोई सवाल उठाया जाता है तो आवाज को दबाया जाता है।’’
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