हल्द्वानी: 16 फरवरी से गढ़वाल में और 15 मार्च से कुमांऊ में होगा ई-ग्रन्थालय  का शुभांरभ

हल्द्वानी: 16 फरवरी से गढ़वाल में और 15 मार्च से कुमांऊ में होगा ई-ग्रन्थालय  का शुभांरभ

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखण्ड शासन से स्वीकृति प्राप्ति के उपरान्त उच्च शिक्षा विभाग में संचालित ई-ग्रन्थालय योजना आगामी 16 से 18 फरवरी 2023 तक गढ़वाल मण्डल के 64 राजकीय महाविद्यालयों हेतु दून विश्वविद्यालय देहरादून के सीनेट हॉल में और 13 से 15 मार्च, 2023 तक कुमांऊ मण्डल के 55 राजकीय महाविद्यालयों में एम0बी0 राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्द्वानी में तीन दिवसीय दो कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।

इस कार्यशाला में एनआईसी भारत सरकार के विषय विशेषज्ञों ने महाविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष, पुस्तकालय प्रभारी और ई-ग्रन्थालय के नोडल अधिकारी को ई-ग्रन्थालय सॉफ्टवेयर एवं हैन्डसऑन पर प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।

प्रदेश के 05 राजकीय विश्वविद्यालयों एवं 104 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में एनआईसी भारत सरकार, नई दिल्ली ने विकसित ई-ग्रन्थालय 4.0 स्थापना की गयी है। ई-ग्रन्थालय योजना को निम्नानुसार चरणबद्ध रूप से सम्पादित कराया जा रहा है-

1. पुस्तकालयों में उपलब्ध पुस्तकों की डाटा एन्ट्री एवं कैटालॉगिंग ।
2. पुस्तकों का डिजिटलाइजेशन ।
3. ई-बुक्स / ई-जर्नल्स आदि का सब्सक्रिप्शन।
4. ई-प्रोक्योरमेन्ट कमेटी एवं संघ का गठन।
5. उच्च शिक्षा विभाग के कलस्टर (सेन्ट्रल डिजिटल लाइब्रेरी) का निर्माण।

योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत वर्तमान तक पुस्तकालयों में उपलब्ध पुस्तकों के 4,66,791 टाइटल्स एवं 16,07,835 कॉपीज की डाटा एन्ट्री एवं कैटालॉगिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

ई-ग्रन्थालय 4.0 अन्तर्गत प्रदेश के महाविद्यालयों के पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की डाटा एन्ट्री एवं कैटालॉगिंग, पुस्तकों की बारकोडिंग, कॉपीराइट मुक्त पुस्तकों का डिजिटलाइजेशन, महाविद्यालय में उपलब्ध शोध पत्रों, डिजर्टेशन, पाठ्यक्रम एवं प्रश्नपत्रों को पी०डी०एफ० में परिवर्तित कर ई-ग्रन्थालय में अपलोड किया जायेगा। ई-ग्रन्थालय 4.0 के माध्यम से देश के अन्य संस्थानों की डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध ई-बुक्स आदि का सब्सक्रिप्शन कर प्रदेश में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की पहुंच में लाया जा सकेगा।

ई-ग्रन्थालय 4.0 के माध्यम से एक महाविद्यालय में उपलब्ध ई-बुक्स आदि का अध्ययन अन्य महाविद्यालयों के छात्र - छात्रा भी अपनी आवश्यकता अनुसार कर सकते हैं।एनडीएल (नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी) में उपलब्ध लगभग 6 लाख निःशुल्क ई-बुक्स तक छात्र-छात्राओं की पहुंच ई-ग्रन्थालय के माध्यम से सम्भव हो सकेगी। पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों का आदान-प्रदान ई-ग्रन्थालय के माध्यम (ऑनलाइन) से सम्भव
विभागार्न्तगत ई-ग्रन्थालय के संचालन से छात्र-छात्राओं को लाभ-

• ई-ग्रन्थालय के माध्यम से महाविद्यालयों में उपलब्ध कॉपीराइट फ्री पुस्तक की पी०डी०एफ०, रिसर्च पेपर, डिजर्टेशन, पाठ्यक्रम एवं प्रश्न-पत्रों आदि को ऑनलाइन माध्यम से छात्र-छात्राओं को अध्ययन हेतु उपलब्ध कराया जा सकता है।
एनडीएल (नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी) में उपलब्ध निःशुल्क लगभग 06 लाख ई-बुक्स तक
छात्र - छात्राओं की पहुंच ई-ग्रन्थालय के माध्यम से हो जाएगी।
• ई-ग्रन्थालय के माध्यम से महाविद्यालयों में उपलब्ध कॉपीराइट फ्री पुस्तक की पी०डी०एफ०, रिसर्च पेपर, डिजर्टेशन, पाठ्यक्रम एवं प्रश्न-पत्रों आदि को ऑनलाइन माध्यम से छात्र छात्राओं को अध्ययन हेतु उपलब्ध कराया जा सकता है।
• एनडीएल (नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी) में उपलब्ध निःशुल्क लगभग 06 लाख ई-बुक्स तक छात्र-छात्राओं की पहुंच ई-ग्रन्थालय के माध्यम से हो जाएगी।
• छात्र - छात्राएं अपनी आवश्यकताएं अनुसार ई-ग्रन्थालय के माध्यम से पुस्तकों का चयन कर पुस्तकालय से निर्गत करने हेतु आरक्षित कर सकते हैं। 
• डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के अन्तर्गत ई-ग्रन्थालय के माध्यम से महाविद्यालयों के पुस्तकालयों का डिजिटलीकरण कर छात्र-छात्राओं के उपयोग हेतु ऑनलाइन माध्यम से पुस्तकालय की
सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है।

16 फरवरी 2023 को उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् छात्र - छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस), ऋषि एवं मिलन खोसला फाऊण्डेशन एवं रूट्स-टू-रूट के मध्य एक समझौता ज्ञापन होना सुनिश्चित हुआ हैं।

उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड ने यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के साथ समझौता ज्ञापन में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् छात्र - छात्रों के संयुक्त अनुसंधान, छात्रों के आदान-प्रदान, पाठ्यक्रम विकास और संयुक्त कार्यशालाओं और संगोष्ठियों जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल किया जायेगा । साथ ही यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज ( यूपीईएस) द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी और अनुसंधान सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त करने और वहां के अनुभवी शिक्षकों से सीखने का अवसर प्राप्त हो सकेगा।

उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा रूट्स-टू-रूट के साथ समझौता ज्ञापन द्वारा छात्र विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा सकेंगे। यह समझौता ज्ञापन छात्रों को उनकी सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने के अवसरों सहित शैक्षिक अवसर प्रदान करने के लिए मिलकर काम करने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड रूट्स-टू-रूट के साथ काम करने और उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् छात्र - छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए सर्वोत्तम सांस्कृतिक विरासत से युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए सदैव उत्साहित हैं।