अयोध्या : पुलिस को नहीं मिलता जनता का साथ, जानें क्यों

छोटे-मोटे से लेकर बड़े मामलों में नहीं मिलता गवाह

अयोध्या : पुलिस को नहीं मिलता जनता का साथ, जानें क्यों

अमृत विचार, अयोध्या। पुलिस को लेकर आये दिन तरह-तरह की किस्से-कहानियां चर्चा में रहती है। कानून के अनुपालन के साथ लोकशांति को कायम रखने तथा दोषी को दंड और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए विवेचना इसके जिम्मे है। एक कहावत है कि कानून के हाथ बड़े लंबे हैं अर्थात पुलिस को अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए काफी अधिकार दिए गए हैं। आजकल तो मित्र पुलिस की चर्चा है। लेकिन वाकयों की देखें तो पता चलता है कि मित्र पुलिस का शरीफों पर भरोसा नहीं रहा। यह तो केवल बस चोर-बदमाशों और मुखबिरों पर ही भरोसा करती है। 

केस-1

गोसाईगंज थाना क्षेत्र में सीओ सदर डॉ. राजेश तिवारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने ज्वेलरी प्रतिष्ठान का उद्घाटन करा रहे भीटी तिराहा निवासी गांजा के थोक कारोबारी राजेश कुमार गुप्ता उर्फ खन्ना को पकड़ने की कोशिश की तो वह घबराकर घर के भीतर जाने लगा। पुलिस से उसे पकड़ कर भागने का कारण पूछा तो उसने बताया कि घर में गांजा रखा है। थोड़ा गैलरी में है, बाकी तहखाने में है। छापे में लगभग तीन कुंटल गांजा बरामद हुआ। मौके पर मौजूद लोगों से पुलिस ने गवाही के लिए कहा तो भलाई-बुराई के डर से सभी हट-बढ़ गए। 

केस-2

अयोध्या कोतवाली पुलिस ने सेंसेक्स के नंबरों पर सट्टा लगवा रहे तीन लोगों को हैबतपुर से पकड़ा। मौके से ताश की गड्डी और जुए में लगी रकम भी बरामद की। गिरफ्तारी व बरामदगी के दौरान जनता के तमाम लोग आ गए लेकिन गवाही के लिए कहा गया तो कोई तैयार नहीं हुआ। 

केस-3

बीकापुर कोतवाली क्षेत्र निवासी नर्सरी संचालक श्रीनाथ से टप्पेबाज गिरोह ने खोदाई में सोने-चांदी के सिक्के व जेवरात तथा मोती की माला सस्ते में देने के नाम पर नकली माल देकर तीन लाख रुपये ठग लिया। 25 जनवरी को रोडवेज बस स्टेशन के पास हुई इस घटना की पीड़ित ने उसी दिन सूचना दी। लेकिन पुलिस आदतन पीड़ित की बात पर भरोसा करने को तैयार नहीं हुई। चार दिन पूर्व जब टप्पेबाजी गिरोह के महिला समेत चार पुलिस के हत्थे चढ़े तो पुलिस ने गुडवर्क को वजनी बनाने के लिए केस दर्ज कर लिया। 
यह सब घटनाएं तो महज बानगी भर हैं। घर, दुकान में चोरी हो अथवा वाहन की।

धोखाधड़ी हो या ठगी अथवा अन्य अपराध। पीड़ित की ओर से लिखित शिकायत के बावजूद पुलिस केस दर्ज नहीं करती। नवीन मंडी चौकी के पास मिष्ठान दुकान से हजारों की चोरी समेत तमाम मामले रोजनामचा का हिस्सा होने से अछूते हैं। यह अलग बात है कि वाहनों अथवा सामानों की बरामदगी पर पकड़े गए चोर-बदमाश के बयान पर पुलिस तत्काल मान लेती है कि बरामद वाहन अथवा सामान चोरी का है अथवा वारदात को इसी ने अंजाम दिया है।

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