जोशीमठ: जोशीमठ के निकट कोई जल विद्युत परियोजना नहीं
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने दी जानकारी

जोशीमठ, अमृत विचार। केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि जोशीमठ नगर के अति निकटवर्ती क्षेत्र में कोई जल विद्युत परियोजना नहीं है और तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना भी उस स्थान से काफी दूर है जहां पिछले दिनों जमीन धंसने की घटना हुई थी।
लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्न के लिखित उत्तर में विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने यह जानकारी दी। सिंह ने कहा, ‘‘जोशीमठ क्षेत्र में जमीन धंसने की घटना से तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना अप्रभावित है। फिर भी जिला प्रशासन ने परियोजना स्थल पर निर्माण गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित रखने के लिए पांच जनवरी 2023 को एक आदेश जारी किया है।’’
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में विभिन्न राज्यों के हिमालयी क्षेत्र में कुल 11,137.50 मेगावाट की स्थापित क्षमता की 30 बड़ी जल विद्युत परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं जो 25 मेगावाट स्थापित क्षमता से अधिक हैं। इन परियोजनाओं में से कुल 10,381.50 मेगावाट की 23 जल विद्युत परियोजनाएं सक्रिय रूप से निर्माणाधीन हैं और कुल 756 मेगावाट की 7 जल विद्युत परियोजनाएं रुकी हुई हैं।
साथ ही देश में विभिन्न राज्यों के हिमालयी क्षेत्र में कुल 22,982 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली 87 जल विद्युत परियोजनाएं परिचालित हैं। गौरतलब है कि जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद पिछले महीने अनेक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था तथा वहां निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया था।
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