यूपीएससी: बरेली के चार होनहारों ने पाई सफलता...तीन ने दूसरी बार गाड़े झंडे

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। यूपीएससी परीक्षा में बरेली के चार अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है। इनमें से तीन अभ्यर्थियों ने दूसरी बार परीक्षा उत्तीर्ण की है। उन्होंने पहली बार में कम अंक आने पर परीक्षा दी। परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों ने तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को सेल्फ स्टडी और पर्सनालिटी को विकसित करने की सलाह दी।


चौथे प्रयास में मिली 140 वीं रैंक
बदायूं के पडेली गांव के रहने वाले रमेश चंद्र शर्मा का परिवार अब बरेली की साउथ सिटी कॉलोनी में रहता है। उनके छोटे बेटे अभिनव ने स्कूली पढ़ाई के समय ही आईएएस अधिकारी बनने की ठान ली थी। उन्होंने आईआईटी पटना से वर्ष 2020 में बीटेक की उपाधि ली। उसके बाद सिविल सेवा की तैयारी में डट गए। वर्ष 2021 के अपने पहले प्रयास में वह प्री भी क्लियर नहीं कर पाए, मगर उन्होंने हार नहीं मानी। अगले ही वर्ष 2022 में वो साक्षात्कार तक पहुंचे। वर्ष 2023 में उन्हें सफलता मिली। उन्हें इंडियन पोस्टल सर्विस में स्थान मिला। मगर, अभिनव रुकने वालों में से नहीं थे। उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। इस वर्ष चौथे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 130 वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की। अभिनव के बड़े भाई डॉ. अभिषेक शर्मा एमबीबीएस डॉक्टर हैं। अभिनव ने सफलता का श्रेय दादा सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य खूब राम शर्मा, पिता मेरठ के प्रभारी निरीक्षक थाना दिल्ली गेट रमेश चंद्र शर्मा, गृहिणी मां शालिनी शर्मा को दिया।

सामाजिक जीवन से दूर हो किताबों तक सीमित रहकर पाया मुकाम
अशरफ खां छावनी के तनुज कुमार ने भी 996 वीं रैंक के साथ सफलता प्राप्त की है। तनुज वर्ष 2021 की परीक्षा में भी सफल रहे थे और उनकी 675वीं रैंक थी। तनुज वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार के भतीजे हैं। तनुज ने बताया कि मेडिकल ग्राउंड के चलते उन्हें सर्विस अलॉट नहीं हो पाई। इससे वह कुछ दिन परेशान रहे। बाद मैं उन्होंने फिर से तैयारी शुरू की। सामाजिक जीवन से दूर रहते हुए उन्होंने खुद को किताबों तक सीमित कर लिया। दोपहर में जैसे ही रिजल्ट घोषित हुआ, तनुज की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिता स्व. तरुण कुमार सुशीला गिरीश स्कूल का संचालन करते थे। मां प्रीति सक्सेना उसी विद्यालय में प्रधानाचार्य हैं। तरुण समाजसेवी सुरेंद्र बीनू सिन्हा के दामाद हैं।

पहले मिली 707 , अच्छी रणनीति से इस बार पाई 178 वीं रैंक
फरीदपुर के मोहल्ला कानून गोयान के आयुष जायसवाल पुत्र अमन जायसवाल ने 178 रैंक हासिल करके अपने परिवार का ही नहीं बल्कि क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनका कहना है कि अगर इरादे अटल हों तो निश्चित सीमित संसाधनों और छोटी जगह से होने के बावजूद भी बुलंदी के शिखर को चूमा जा सकता है। आयुष जायसवाल ने अपने पहले प्रयास में 707 रैंक हासिल की थी और उन्हें आईआरएएस सर्विस मिली। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने 178 रेंक हासिल की तो लोगों ने बधाई दी। गिरीश जायसवाल, गिरीश जायसवाल, नरेंद्र जायसवाल, राकेश जायसवाल, राजेश जायसवाल आदि ने बधाई दी।


तीसरे प्रयास में हासिल की 720वीं रैंक
डीएम बनने की ललक में 2019 से लगातार यूपीएससी की तैयारी कर रहीं कैंट के सदर बाजार निवासी चकबंदी विभाग में पेशकार ओम प्रकाश की बड़ी बेटी अंजली ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा 702वीं रैंक हासिल की है। अंजलि की छोटी बहन हर्षिता और मां रूबी ने बधाई दी है। अब तक उन्होंने फेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और टेलीविजन से दूरी बनाए रखी है। अंजलि ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन रात में जाकर 8 घंटे पढ़ाई करने का नियम बनाया। वह 2 घंटे की पढ़ाई करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक लेती थीं। इसी लगन के चलते उन्होंने नाते रिश्तेदारों से भी दूरी बनाए रखी। कभी-कभी जब उन्हें मानसिक तनाव होता था, तो वह भगवद् गीता के श्लोक पढ़ा करती थी। उनकी विशेष रूचि दर्शनशास्त्र में ही थी, लेकिन उन्होंने साथ में अन्य विषयों को भी तवज्जो दी। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने परिवार में माता-पिता तथा बहन से पढ़ाई करने में काफी सहयोग मिला है। अंजलि को पौध रोपण और उनकी देखरेख का शौक है।

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