Budget 2023: वित्त मंत्री आज पेश करेंगी देश का बजट, कैसे होता है पास, जानिए पूरा प्रोसेस
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल बुधवार यानी 01 फरवरी 2023 को संसद में आम बजट पेश करेंगी। ऐसी उम्मीद है कि इस साल बजट में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे बजट को संसद के पटल पर रखेंगी। इसके बाद एक-एक करके सभी बिंदुओं की जानकारी भी वित्त मंत्री देंगी। ये वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण का पांचवां बजट होगा और 2024 के आम चुनावों से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा।
भारत में, देश का आम बजट फाइनेंस मिनिस्ट्री का डिपार्टमेंट ऑफ़ इकनोमिक अफेयर्स बनता है। 2016 से पहले आम बजट और देश का रेलवे बजट अलग-अलग पेश किया जाता था, लेकिन अब आम बजट और रेलवे बजट दोनों साथ ही पेश किए जाते हैं।
कैसे होता है देश का बजट पास?
सबसे पहले देश के वित्त मंत्री 1 फरवरी को लोक सभा में बजट पेश करते हैं। 1 फरवरी को बजट पेश करने का मकसद ये होता है कि आने वाले वित्त वर्ष की शुरआत, यानी 1 अप्रैल तक, अगर बजट में कोई बदलाव करने हो तो वो आसानी से हो जाए। बजट के स्पीच के खत्म होते ही बजट को राज्य सभा में पेश किया जाता हैं। राज्य सभा बजट को सिर्फ डिसकस ही कर सकती है, राज्य सभा को बजट में न तो बदलाव लाने का अधिकार है और न ही वोट देने का।
बजट पेश होने के बाद दोनों सदनों में दो-तीन दिन का डिस्कशन होता है। उसके बाद दोनों ही सदन दो से तीन हफ़्तों के लिए अड्जर्न कर दिए जाते हैं। इस समय में 24 डिपार्टमेंटल स्टैंडिंग कमिटीयों को बजट पर डिस्कशन करने का मौका मिलता हैं। और वे ये चेक करके रिपोर्ट बनाते है कि बजट में कहीं कोई गलती तो नहीं है।
इसके बाद बजट को हर मिनिस्ट्री में पेश किया जाता है और हर मिनिस्ट्री से अलग-अलग वोट लिया जाता हैं। बजट में कुल मिलाकर 109 डिमांड होती हैं, जिसमें से 103 सिविल एक्सपेंडिचर और 6 डिमांड डिफेन्स के होते हैं। रेलवे बजट में 32 डिमांड होते हैं। हर एक डिमांड के लिए लोक सभा में अलग से वोटिंग की जाती हैं। इस समय लोक सभा इन डिमांड पर डिस्कशन भी कर सकते हैं। डिमांड में जो पैसा अल्लोकेट हुआ है, उसको कम तो कर सकते है लेकिन बढ़ा नहीं सकते।
इसके बाद बजट में पेश किए गए अप्प्रोप्रिएशन बिल को पास किआ जाता हैं। इस बिल में किसी भी सदन से कोई भी बदलाव नहीं किए जा सकते हैं। अंत में, बजट के फाइनेंस बिल को पास करना होता हैं। भारत के संविधान के अनुसार, 75 दिन के अंदर फाइनेंस बिल को पास हो जाना चाहिए। इस बिल में लोक सभा अमेंडमेंट कर सकती हैं। इस तरह भारत का बजट संसद में पास हो जाता है, और आने वाले वित्त वर्ष की कर दिया जाता हैं।
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