देश का सेवा निर्यात चालू वित्त वर्ष में 300 अरब डॉलर के लक्ष्य को पार करेगा : पीयूष गोयल
9.jpg)
गांधीनगर। देश का सेवा निर्यात क्षेत्र काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को यह बात कही। गोयल ने यहां कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष में सेवाओं का निर्यात करीब 20 प्रतिशत बढ़कर 300 अरब डॉलर के लक्ष्य को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा कि वस्तुओं के निर्यात की बात की जाए, तो यह क्षेत्र भी स्वस्थ वृद्धि दर्ज कर रहा है। दुनिया में मंदी, मुद्रास्फीतिक दबाव और जिंसों की ऊंची कीमतों के बावजूद वस्तुओं का निर्यात अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सब दबावों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह अप्रैल-दिसंबर में देश का निर्यात नौ प्रतिशत बढ़ा है।
गोयल ने कहा, सेवाओं की बात करें, तो हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। सेवाओं के मामले में हम निर्यात में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेंगे। हम 300 अरब डॉलर के सेवा निर्यात के लक्ष्य को पार कर लेंगे। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों तथा दुनिया के प्रत्येक हिस्से से दबाव की खबरों के बीच कुल मिलाकर यह एक बहुत ही संतोषजनक साल होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के संरचनात्मक सुधारों तथा मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं। अप्रैल-दिसंबर 2022-23 के दौरान, कुल निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 332.76 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 24.96 प्रतिशत बढ़कर 551.7 अरब डॉलर रहा है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में व्यापार घाटा बढ़कर 218.94 अरब डॉलर हो गया है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 136.45 अरब डॉलर रहा था। पिछले वित्त वर्ष में देश का वस्तुओं का निर्यात 422 अरब डॉलर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था।
भारत-ब्रिटेन एफटीए में दोनों देशों को स्वीकार्य चीजों पर ध्यान दे रहे हैं : गोयल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता में इस बात पर ध्यान दिया गया है कि दोनों देशों को क्या स्वीकार्य है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा को बाधित नहीं होने दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र वीजा कभी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का हिस्सा नहीं होते हैं। भारत ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ छठे दौर की वार्ता पूरी की है और अगला दौर जल्द आयोजित किया जाएगा। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ब्रिटेन के साथ बातचीत पिछले साल 13 जनवरी को शुरू हुई थी। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 13.2 अरब डॉलर की तुलना में 2021-22 में बढ़कर 17.5 अरब डॉलर हो गया। 2021-22 में भारत का निर्यात 10.5 अरब डॉलर था, जबकि आयात सात अरब डॉलर था।
गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ब्रिटेन के साथ हमारा दृष्टिकोण इस बात पर केंद्रित कि दोनों देशों को क्या स्वीकार्य है और हमें संवेदनशील मुद्दों को अपनी चर्चाओं को बाधित नहीं करने देना चाहिए। ब्रिटेन के एक अधिकारी के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि भारत के लिए अधिक छात्रों को वीजा देना इस समझौते का हिस्सा नहीं है, गोयल ने कहा, क्या आपने कभी सुना है कि छात्र वीजा एफटीए का हिस्सा है? कितने छात्र वहां (ब्रिटेन) पढ़ने जाते हैं? यह कभी भी एफटीए का हिस्सा नहीं है।
ब्रिटिश व्यापार मंत्री केमी बडेनोच, जो वार्ता के प्रभारी हैं, ने हाल में कहा था कि इस साल व्यापार समझौता होने की उम्मीद है, लेकिन इसमें भारतीयों के लिए मुक्त आवाजाही वीजा प्रस्तावों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। हाल ही में द टाइम्स के साथ साक्षात्कार में ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने ब्रेक्जिट के बाद ऑस्ट्रेलिया के साथ ब्रिटेन के एफटीए और भारत के साथ प्रस्तावित समझौते के बीच किसी भी बड़ी समानता से इनकार किया था। गोयल ने कहा कि समाचार पत्रों के लेखों, संवाददाता सम्मेलनों या सार्वजनिक समारोहों में एफटीए पर कभी भी बातचीत नहीं की जाती है, और ये समझौते गंभीर कार्य हैं जो अधिकारियों और उच्च राजनीतिक स्तर पर होते हैं। इनमें जब जरूरत होती है, बातचीत की जाती है।
ये भी पढ़ें : Share Market : आईटी, वित्तीय शेयरों में लिवाली से शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स-निफ्टी चढ़े रुपया, 26 पैसे टूटा