अयोध्या : अब DIOS ही करेंगे कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति, प्रश्न पत्र रखने को बनेंगे स्ट्रांग रूम
माध्यमिक शिक्षक संगठनों की मांग पर यूपी बोर्ड ने नीति में किया बदलाव
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अमृत विचार, अयोध्या। वर्ष 2023 की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट परीक्षाओं को लेकर यूपी बोर्ड ने गाइड लाइन जारी कर दी है। इसके मुताबिक परीक्षा केन्द्रों पर केन्द्र व्यवस्थापकों, अतिरिक्त केन्द्र व्यवस्थाओं और कक्ष निरीक्षक निरीक्षकों की नियुक्ति जिला विद्यालय निरीक्षक करेंगे। इसके पहले यूपी बोर्ड ने सीधे कक्ष निरीक्ष नियुक्त किये थे। लेकिन बोर्ड का यह प्रयास विगत वर्ष की परीक्षा में फ्लॉप रहा था और कई परीक्षा केन्द्रों पर तो कक्ष निरीक्षक ही उपलब्ध नहीं हो पाये थे। परीक्षा केन्द्रों पर अफरा तफरी मच गयी थी।
माध्यमिक शिक्षक संगठनों ने भी कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति का अधिकार डीआईओएस को दिये जाने की मांग की थी। इसके बाद वर्ष 2023 की परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड ने नीति में परिवर्तन करते हुए डीआईओएस को ही कक्ष निरीक्षक, केन्द्र व्यवस्थापक और वाह्य केन्द्र व्यवस्थापकों की नियुक्ति का अधिकार प्रदान कर दिया है। दूसरी ओर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं को नकलविहीन, शान्तिपूर्ण एवं निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराया जाएगा। वहीं परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे, डीवीआर, राउटर, हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन आदि को क्रियाशील रखने के निर्देश दिये गये हैं। इनके क्रियाशील होने का प्रमाण पत्र भी परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापकों को 20 जनवरी तक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में जमा करना होगा। 21 जनवरी 2023 से प्रारम्भ होने वाली इण्टरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाओं की भी मॉनिटरिंग करायी जा सके।
प्रश्न पत्र रखने को बनेंगे स्ट्रांग रूम
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट परीक्षा के प्रश्नपत्रों को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक परीक्षा केन्द्र में एक स्ट्रांग रूम स्थापित किया जाएगा। यह स्ट्रांग रूम प्रधानाचार्य कक्ष से अलग एक अत्यन्त सुरक्षित कक्ष में ही बनाया जाना अनिवार्य होगा। स्ट्रांगरूम की स्थापना के सम्बन्ध में महानिदेशक, स्कूल शिक्षा की ओर से निर्देश भी दिये जा चुके हैं।
इण्टर प्रयोगात्मक परीक्षा वाले विद्यालयों में सेक्टर मजिस्ट्रेट होंगे नियुक्त
वर्ष 2023 की इण्टर की प्रयोगात्मक परीक्षाएं दो चरणों में 21 जनवरी से 5 फरवरी के मध्य छात्र-छात्राओं के विद्यालयों में ही सम्पन्न कराई जाएगी। प्रयोगात्मक परीक्षाओं की शुचिता के मद्देनजर इसके पर्यवेक्षण के लिए विद्यालयों को सेक्टर में बांटकर प्रत्येक सेक्टर में एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की जिलाधिकारी की ओर से तैनाती की जाएगी।
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