लखनऊ: लेसा के 120 बिजली घरों पर दो हजार से ज्यादा दलाल

अमित सिंह, लखनऊ। मध्यांचल निगम के अंतर्गत आने वाले लेसा (लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन) के सभी बिजली घरों पर दलालों के गिरोह हैं। यहां के हर एक बिजली घर पर 15 से 20 की संख्या में दलालों की फौज है। लेसा में कुल 120 बिजली घर हैं यानि की सभी बिजली घरों पर करीब दो …

अमित सिंह, लखनऊ। मध्यांचल निगम के अंतर्गत आने वाले लेसा (लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन) के सभी बिजली घरों पर दलालों के गिरोह हैं। यहां के हर एक बिजली घर पर 15 से 20 की संख्या में दलालों की फौज है। लेसा में कुल 120 बिजली घर हैं यानि की सभी बिजली घरों पर करीब दो हजार से अधिक दलाल हैं। यह सभी दलाल उपभोक्ताओं को जमकर शोषण करते हैं। इतना ही नहीं ये विभाग की छवि तो खराब कर रही रहे हैं महीने में करोड़ों रुपये का चपत भी लगा रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी विभाग दलालों के खात्मे के लिए कुछ नहीं करता है।

अधिकारियों को पता होता है कि हमारे सर्किल, डिवीजन, उपखंड या बिजली घरों पर आने वाले उपभोक्ताओं पर दलाल गिद्ध की नजरें लगाए हुए हैं। वे अधिकारी या कर्मचारी के पास पहुंचने से पहले ही अपने झांसे में ले लेते हैं, इसके बाद भी ये अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। वहीं कुछ अधिकारी करना भी चाहते हैं कि ये दलाल इतनी पहुंच वाले होते हैं कि वे उनका तबादला ही करा देते हैं। ऐसे में अधिकारियों या कर्मचारियों के पास कोई चारा नहीं होता है दलालों से सांठगांठ के अलावा।

अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ
लेसा में तैनात अ​धिकारियों और कर्मचारियों से सीधे सपर्क दलालों के होते हैं। इन्हे के संबंधों के बदौलत दलाल बहुत हद तक अपने मंसूबों में कामयाब भी हो जाते हैं। बता दें कि दलालों के अधिकारियों और कर्मचारियों से मजबूत सांठगांठ होने से वे उपभोक्ताओं और अन्य कामों को बहुत ही सरलता से करा लेते हैं। जिससे उपभोक्ताओं का भी विश्वासन दलालों के प्रति दिनों दिन बढ़ता ही जाता है। दलालों का बिजली के सभी कार्यालयों चाहे वो डिवीजन, सर्किल या उपखंड ही क्यों न हो सभी में उनका सीधे हस्तक्षेप रहता है। अधिकारियों और दलालों के संबंध में दोनों का फायदा होता है। कामों के कराने एवज में दलालों द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को मजबूज रकम अदा की जाती है। दलालों के चंगुल में आने के बाद बहुत से उपभोक्ता तो ठगी के भी शिकार हो जाते हैं।

उपभोक्ताओं से सीधे संपर्क की कोशिश
लेसा में दलालों उपभोक्ताओें से सीधे सपर्क करने की कोशिश करता है। काफी समय से एक बिजली घर या डिवीजन पर दलाली करने से दलालों का उपभोक्ताओं से सीधे संपर्क तो हो ही जाता है। वहीं नहीं होने की स्थिति में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर संपर्क कराने की कोशिश की जाती है। उपभोक्ताओं को अ​धिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इतना दौड़ा दिया जात है कि वे मान बैठता है कि बिना दलालों के पास जाए हमारा काम नहीं हो सकता है। इस दौरान उन्हे यह भी आभाष हो हा जाता है कि अधिकारियों, कर्मचारियों के संबंध दलालों से है। न चाहकर भी हमे दलालों से काम कराना होगा।

इन बिजली घरों पर ज्यादा दलाल
लेसा के पुराने शहर स्थित सर्किल, खंडीय और उपखंडीय कार्यालय पर दलालों बड़ा कॉकस है। लेसा सीस गोमती के अमीनाबाद, चौक, चौपटिया, ठाकुरगंज, विक्टोरिया, अपट्रान, नूरबाड़ी, ऐशबाग, तालकटोरा, अलामबाग, हुसैनगंज, रेजीडेंसी,यूपीआईएएल, बीकेटी, सीतापुर रोड, नादरगंज, कैंट सहित कई और बिजली घर हैं जहां पर कुल दलालों के करीब 60 फीसद यहीं पर है। इसके अलावा चिनहट और उत्तरेटिया बिजली घर पर ज्यादा संख्या में दलाल सर्किय हैं।

“दलालों पर अंकुश के लिए पहले से ही निर्देश दिए गए हैं। यदि इसके बाद भी कोई शिकायत आती कि दलालों ने उपभोक्ताओं का शोषण किया है और इसमे विभाग के लोग भी शामिल हैं तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।” -सूर्यपाल गंगवार, एमडी मध्यांचल निगम

“सभी अभियंताओं और कर्मचारियों को सख्ती से हिदायत दी गई है। यदि इसके बाद भी कोई शिकायत आती है तो हम सीधे कार्रवाई करेंगे। हमारा भरसक प्रयास है कि कोई भी उपभोक्ता दलालों के चंगुल में ना फंसे।” -मधुकर वर्मा, मुख्य अभियंता, लेसा सीस गोमती