लापरवाही: लाखों खर्च कर संवारा गया विभीषण कुण्ड चार साल में ही बदहाल
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अमृत विचार, अयोध्या। यूपी सरकार राम नगरी अयोध्या को त्रेता युग की झलक देने और इसे विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने के दावे कर रही है। महानगर के 33 पार्कों को करोड़ों रुपये खर्च कर सौंदर्यीकरण कराये जाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन अयोध्या के कई पौराणिक कुण्डों का कोई पुरसाहाल नहीं है।
अयोध्या में राजघाट मार्ग स्थित विभीषण कुंड है। मान्यता है कि विभीषण जब अयोध्या आए थे तो, इसी जगह पर रहते थे। लेकिन जिस विभीषण कुण्ड को चार वर्ष पहले लाखों रुपये खर्च कर सजाया-संवारा गया था, वह अधिकारियों की लापरवाही के चलते बदहाल है। अधिकारियों को इस कुण्ड के सौंदर्यीकरण की कोई फिक्र नहीं है।
अशर्फी भवन मार्ग पर स्थित विभीषण कुण्ड का सौंदर्यीकरण 2017 में हुआ था। इस कुंड का जीर्णोद्धार नगर निगम से पहले नगरपालिका परिषद अयोध्या ने करोड़ों रुपये खर्च करके कराया था। वर्तमान में यह कुण्ड अव्यवस्थाओं का पर्याय बन गया है। यहां न प्रकाश की व्यवस्था है और ही सफाई की। गंदगी और गंदे पानी की निकासी के कोई उपाय नहीं है।
यहां लगा फौव्वारा पूरी तरह से खराब हो गया है। साउंड व्यवस्था चौपट है। बेन्च व झूले टूट गये हैं। कुंड की स्थिति जंगल जैसी हो गयी है। यहां रोज जुआ होता है और शराब की बोतलें खुलती हैं। अब यहां न तो कोई कर्मचारी निगरानी के लिए है और न ही इस कुण्ड की दशा सुधारने व इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किये जाने को लेकर नगर निगम की कोई योजना है।
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