बांदा की यह खबर लोगों के लिए बन सकती नजीर, बेजुबां मिथला को ऑपरेशन से मिली जुबान, पढ़ें- इसके पीछे की वजह

बांदा में मूकबधिर बेटी अब बोलने लगेगी।

बांदा की यह खबर लोगों के लिए बन सकती नजीर, बेजुबां मिथला को ऑपरेशन से मिली जुबान, पढ़ें- इसके पीछे की वजह

बांदा में मूकबधिर बेटी ऑपरेशन के बाद अब बोलने लगेगी। बेटी के मुंह से अम्मा-पापा सुन परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा है।

बांदा, अमृत विचार। मूक-बधिर बेटी के जन्म से गरीब प्रवासी मजदूर का परिवार न सिर्फ दुखी था, बल्कि सारी आशाएं छोड़ चुका था कि वह अपनी बेटी के मुंह से कोई बोल सुन पायेंगे, लेकिन आरबीएसके टीम के यह कहने पर कि ऑपरेशन से वह बोल सकती है परिवार की दोबारा उम्मीदें जाग गईं। तकरीबन एक साल के इलाज के बाद अब वह न सिर्फ बोल सकती है, बल्कि अच्छे से सुन भी पा रही है।

तिंदवारी ब्लॉक के सैमरी गांव निवासी अवधबिहारी की 5 वर्षीया बेटी मिथला जन्म से गूंगी-बहरी थी। बड़ी होने पर परिजनों को इसका पता चला। बेजुबां बेटी के जन्म से गरीब प्रवासी मजदूर परिवार बेहद दुखी था। पिता गुजरात में एक साड़ी कंपनी में मजदूरी करते हैं। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वे जीवन में कभी अपने बेटी के बोल सुन पायेंगे।

गांव के प्राइमरी विद्यालय में जब आरबीएसके टीम पहुंची तो अवधबिहारी भी वहां बेटी को लेकर जा पहुंचा। उनसे जानकारी मिली कि उनकी बेटी ऑपरेशन के बाद बोल सकती है तो एक बार फिर उसकी उम्मीद जाग उठी। दिसंबर 2021 में उनकी बेटी की कानपुर के एक अस्पताल में नि:शुल्क सर्जरी हुई।

ऑपरेशन के बाद करीब एक साल चली थेरेपी से अब उनकी बेटी सुनने के साथ बोलना भी सीख रही है। अवध बताते हैं कि बेटी के मुंह से अम्मा-पापा शब्द सुनकर वह अपने सारे दुख भूल जाते हैं। उन्होंने इसके लिए आरबीएसके टीम का शुक्रिया अदा किया। सीएमओ डॉ.एके श्रीवास्तव ने बताया कि जन्मजात मूक-बधिर बच्चों (जन्म से ही बोलने और सुनने में अक्षम) की समय पर पहचान और समय पर इलाज से उन्हें ठीक किया जा सकता है।

बताया कि जन्मजात मूक बधिर बच्चों की पहचान के लिए जैसे कि बुलाने पर बच्चों द्वारा कोई कोई प्रतिक्रिया न देना, तेज आवाज होने पर इधर-उधर नहीं देखना या नहीं चौंकना, कुछ ऐसे लक्षणों होने की आशंका हो सकती है। आरबीएसके डीआईईसी मैनेजर वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि जन्म से सुन और बोल न पाना गंभीर समस्या है। अभिभावक सही जानकारी के साथ सावधानी बरतें तो बच्चों को इस समस्या से बचाया जा सकता है।