राम मन्दिर भूमि पूजन: रिपोर्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले जैसी होगी व्यवस्था
अयोध्या, अमृत विचार। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन और मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम की रिपोर्टिंग के लिए जिला प्रशासन ने दीपोत्सव की तर्ज पर तैयारी की है। मामला प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा होने के चलते सुरक्षा पाबंदियां 9 नवंबर 2019 के सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद के फैसले जैसी होगी। निर्धारित कवरेज …
अयोध्या, अमृत विचार। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन और मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम की रिपोर्टिंग के लिए जिला प्रशासन ने दीपोत्सव की तर्ज पर तैयारी की है। मामला प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा होने के चलते सुरक्षा पाबंदियां 9 नवंबर 2019 के सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद के फैसले जैसी होगी। निर्धारित कवरेज पॉइंट तक ही मीडिया कर्मियों को एंट्री मिल पाएगी। रिपोर्टिंग और कवरेज के लिए मान्यता कार्ड, संस्थान की ओर से जारी पहचान पत्र तथा स्वयं की पहचान के लिए आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र आवश्यक होगा।
रविवार को सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक विनोद पांडेय ने रामकथा संग्रहालय में मीडिया केंद्र का औपचारिक शुभारंभ किया। सूचना निदेशक की ओर से मीडिया एडवाईजारी जारी की गई है। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि कोरोनावायरस को लेकर आवश्यक प्रोटोकाल पर भी सभी को ध्यान देना है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। भूमिपूजन कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दूरदर्शन करेगा और एएनआई समाचार एजेंसी भी फीड उपलब्ध कराएगी।
सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के लिए रामकथा संग्रहालय स्थित मीडिया केंद्र से फीड उपलब्ध कराई जाएगी और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ मीडिया को राम की पैड़ी मंदिर कार्यशाला तथा आसपास के क्षेत्र में अनुमति दी जाएगी बशर्ते सर्व सामान की भागीदारी न हो और जिला प्रशासन से अनुमति हासिल हो। सुरक्षा के मद्देनजर मीडिया कर्मियों, फोटोग्राफर को वीवीआईपी दर्शन स्थल मार्गो पर दुकानों, छतो आदि से कवरेज की अनुमति नहीं होगी। इसके दृष्टिगत मीडिया चैनलों की रिपोटिंग में नवम्बर 2019 में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा श्रीरामजन्मभूमि के निर्णय के समय की गयी व्यवस्था लागू रहेगी।