महाराष्ट्र सरकारी अस्पतालों के लिए दवाएं खरीदने के वास्ते निगम की स्थापना करेगा
नागपुर। महाराष्ट्र में सरकार के स्वामित्व वाली हाफकिन बायोफार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन द्वारा दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खरीद में देरी के कारण सरकारी अस्पतालों में इनकी कमी के मद्देनजर राज्य सरकार ने कहा है कि वह दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए एक नया निगम स्थापित करने की योजना बना रही है।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को राज्य विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवीण दटके के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। मंत्री ने कहा, हाफकिन कॉर्पोरेशन ने इस साल बजटीय आवंटन 1,500 करोड़ रुपये में से 650 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं किया।
नतीजतन, कई सरकारी अस्पतालों में दवाएं और उपकरणों की कमी हो गई है। गिरीश महाजन ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए, सरकार ने अस्पतालों को अपने बजट का 30 प्रतिशत दवाओं और उपकरणों की खरीद पर खर्च करने के लिए अधिकृत किया है, जबकि आमतौर पर इसके लिए 10 प्रतिशत आवंटन किया जाता है।
उन्होंने हाफकिन में मानव संसाधन की कमी को भी रेखांकित किया और कहा कि इसके अध्यक्ष का पिछले तीन वर्षों में 11 बार स्थानांतरण किया गया है।
मंत्री ने कहा कि हाफकिन कॉर्पोरेशन में कुल 24 स्थायी और 109 संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं। इससे पहले दटके ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं और उपकरणों की बहुत कमी है।
उन्होंने दावा किया कि नागपुर के मेयो अस्पताल में दवाओं, सर्जिकल उपकरणों, एक्स-रे और पैथोलॉजी किट की कमी है और गरीब मरीजों को ये किट मेडिकल स्टोर से खरीदने के लिए कहा जा रहा है।
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