बरेली: वन स्टॉप सेंटर और राजकीय महिला शरणालय में महिलाएं बनेंगी हुनरमंद, कमिश्नर ने लिया जायजा
महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत कढ़ाई बुनाई ब्यूटी पार्लर का दिया जाएगा प्रशिक्षण
बरेली, अमृत विचार। नारी शक्ति को सशक्त, आत्मनिर्भर, स्वावलंबी बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल प्रदेश में रंग लाने लगी है। बरेली में अविकसित, लाचार और बेबस, बेघर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। शुक्रवार को कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बरेली के वन स्टॉप सेंटर और राजकीय महिला संरक्षण गृह का जायजा लिया।
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इस दौरान उन्होंने महिलाओं बच्चियों से बातचीत की। उनसे घर परिवार से लेकर शिक्षा और रोजगार को लेकर जानकारी की। इसके बाद उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़ने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने महिलाओं और लड़कियों के साथ पूरा दिन व्यतीत कर उनके सुख-दुख को बांटा। उन्हें जीवन में लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने, आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
कमिश्नर को दीदी कहकर लिपट कर रोने लगी महिलाएं
कमिश्नर संयुक्ता समद्दार शुक्रवार को जब मानसिक रूप से कमजोर महिलाओं का हाल जानने हजियापुर पहुंची। निराश्रित बेसहारा गुमशुदा महिलाओं और बालिकाओं से उन्होंने बातचीत की। उन्हें गर्म कपड़े दिए। उनके साथ खाना खाया। शरणालय की महिलाओं के शयनकक्ष, औषधि कक्ष, रसोईघर स्टोर रूम का निरीक्षण किया। महिलाओं और बच्चों के साथ खाना खाते हुए उनसे आत्मीयता से पारिवारिक बातचीत की। कमिश्नर को अपने बीच पाकर निराश्रित बेसहारा महिलाएं और युवतियां दीदी कहते हुए रो पड़ीं। उनके गले लग गईं और कहा कि इस तरह से आज तक किसी ने उनका ख्याल नहीं रखा। उनसे बातचीत नहीं की। इसी अपनेपन और प्यार की वजह से उनके आंसू छलक आए। काफी देर तक महिला संरक्षण गृह का माहौल भावुक हो गया।
इस दौरान वहां उपस्थित सभी महिलाओं और बच्चों को गर्म कपड़ों की व्यवस्था कराई। निर्देश दिया कि उनके खानपान में किसी भी तरह की कोई कटौती न की जाए। उपनिदेशक महिला कल्याण से कहा कि महिलाओं बालिका और बच्चों को नियमित रूप से शिक्षा दी जाए। उसमें किसी तरह की लापरवाही ना हो। उन्होंने मौके पर एक बच्चे से किताब पढ़ कर भी सुनी। बालिकाओं ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लिखे हुए गुलदस्ता भेंट किए। उप निदेशक महिला कल्याण को बालिकाओं को समय-समय पर कढ़ाई बुनाई ब्यूटी पार्लर, कंप्यूटर टाइपिंग, कपड़े के थैले बनाने की ट्रेनिंग दिलाने के निर्देश दिए गए।
6474 महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर से मिल चुकी है मदद
बरेली मंडल में 6594 मामले वन स्टॉप सेंटर पहुंचे। इनमें 6474 मामलों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया। महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर के जरिए सहायता दी गई। 120 मामले अभी चल रहे हैं । राज्य महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत नारी सुरक्षा सम्मान के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने 8 मार्च 2016 को वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की थी। 300 बेड हॉस्पिटल में वन स्टॉप सेंटर पीड़ित महिलाओं को निशुल्क परामर्श, पुलिस सहायता, मेडिकल की सुविधा, विधिक सहायता मुहैया करवा रहा है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण से आत्मनिर्भर बनेगी महिलाएं
कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बताया कि महिला शरणालय और वन स्टॉप सेंटर में प्रधानमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण शुरू कराए जाएंगे। इसके तहत उन्हें ब्यूटीशियन, फ्रंट ऑफिस एसोसिएट का प्रशिक्षण कराया जाएगा। अपनी क्षमताओं के मुताबिक महिलाएं और बालिकाएं कढ़ाई, बुनाई, ब्यूटी पार्लर, कंप्यूटर टाइपिंग, थैले बनाने की ट्रेनिंग ले सकती हैं जिसके जरिए वह आत्मनिर्भर बनकर स्वयं जीवन यापन कर सकती हैं।
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