Kanpur: टॉय ट्रेन को सेफ्टी लुक देंगे रेलवे विशेषज्ञ, रेलवे की टीम आएगी चिड़ियाघर, प्लेटफार्म, ट्रैक और ट्रेन की करेंगे स्टडी
कानपुर चिड़ियाघर में आएगी रेलवे की टीम।

कानपुर चिड़ियाघर में रेलवे की टीम आएगी। इसमें रेलवे विशेषज्ञ टॉय ट्रेन को सेफ्टी लुक देंगे। साथ ही प्लेटफार्म, ट्रैक और ट्रेन की स्टडी भी करेंगे।
कानपुर, अमृत विचार। चिड़ियाघर की टाय ट्रेन यानि बाल ट्रेन को यात्रियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित रूप दिया जाएगा। यह रूप देने के लिए रेलवे विशेषज्ञ कानपुर जू आएंगे। विशेषज्ञों का पैनल ट्रेन के अलावा प्लेटफार्म और ट्रैक पर भी स्टडी करेगा। रिपोर्ट तैयार होने के बाद जू प्रशासन को सौपेंगा और फिर ट्रेन को नया रूप देने की कार्रवाई शुरू होगी।
जू प्रशासन ने रेलवे विशेषज्ञों को जू बुलाने के लिए शासन को एक पत्र लिखा था, जो कि अब लखनऊ प्रधान मुख्य वन संरक्षक के माध्यम से रेलवे भेजा गया है।
26 नवंबर के हादसे के बाद से टॉय ट्रेन बंद है। जू प्रशासन पूरी तरह से जांच पड़ताल के बाद ही ट्रेन को चालू करना चाहता है। दुर्घटना के बाद लापरवाही पर तो जांच कर ली गई, लेकिन अब ट्रेन को सुरक्षित आकार देने के लिए भी जू प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। दुर्घटना की वजह प्लेटफार्म और पिलर भी माने जा रहे थे, जबकि दो बोगियों के बीच के स्पेस को लेकर भी सवाल उठे थे।
इन सभी बिंदुओं को लेकर रेलवे के विशेषज्ञों की राय महत्वपूर्ण होगी। प्लेटफार्म में भी कुछ बदलाव किया जा सकता है। इसके साथ ही ट्रैक की भी जांच होगी। पैनल कई बिंदुओं पर सेफ्टी ऑडिट करेगी और फिर रिपोर्ट जू प्रशासन को सौपेगी। यह रिपोर्ट लखनऊ जाएगी और ट्रेन की बनावट बदलने पर निर्णय लिया जा सकता है।
ये हो सकता है बदलाव
- प्लेटफार्म किनारे से दूर होंगे पिलर
- इमरजेंसी में संकेत चालक तक पहुंचाने को लगाए जाएंगे स्विच
- ट्रैक को लेकर भी होगी पड़ताल
- दो बोगियों के बीच के स्पेस पर सेफ्टी सुधार होगा
इमरजेंसी बटन का कनेक्शन था खराब
- बाल ट्रेन की हर बोगी में लगा इमरजेंसी बटन खराब है। इस बटन को दबाने पर इमरजेंसी बेल बजती है, जिसे सुनकर चालक फौरन ट्रेन रोक देता है। लेकिन, जब यह हादसा हुआ तब ये सारे स्विच ही खराब थे। बताया जाता है कि इसको लेकर ठेकेदार से जवाब भी मांगा गया था। लेकिन, उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ये हुआ था हादसा
- 26 नवंबर को रामादेवी की रहने वाली शिक्षिका अंजू शर्मा अपने पति सुबोध शर्मा, बेटी अदिति के साथ चिड़ियाघर घूमने आईं थीं। बच्चों ने ट्रेन से चिड़ियाघर देखने की इच्छा जाहिर की तो अंजू भी मान गईं। ट्रेन में बेटी और पति तो दौड़कर चढ़ गए थे, लेकिन अंजू नहीं चढ़ पाईं। चढ़ते वक्त वह पिलर से टकरा गईं और दो बोगियों के बीच में आकर ट्रेन के नीचे आ गईं। जिससे उनकी मौत हो गई।
तकनीकि जांच को एचबीटीयू के इंजीनियर भी आएंगे
- टॉय ट्रेन की तकनीकी जांच को लेकर हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के इंजीनियर भी आएंगे। ट्रेन की रफ्तार, उसके इंजन आदि की जांच की जाएगी।
- टॉय ट्रेन और प्लेटफार्म के सेफ्टी ऑडिट को लेकर रेलवे और एचबीटीयू के विशेषज्ञ आएंगे। इसको लेकर उन्हें पत्र भेजा गया है।- डॉ. अनुराग सिंह, उप निदेशक, प्राणी उद्यान